उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को भारतीय सेना पर गौरव की अनुभूति होती है। अपने शौर्य और पराक्रम से भारतीय सेना ने देश ही नहीं, दुनिया में सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। हम सभी की जवाबदेही मातृभूमि के प्रति है। इसलिए पारस्परिक समस्याओं का समाधान होना चाहिए। संवाद समस्याओं के समाधान का सबसे अच्छा माध्यम है। समस्याओं का समाधान समयबद्ध ढंग से किया जाना चाहिए। समस्याओं के लम्बित रहने से इससे सम्बन्धित परियोजनाओं की लागत बढ़ जाती है, जिससे राजकोष पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।
मुख्यमंत्री आज ‘सिविल सैन्य सम्पर्क सम्मेलन-2018’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह सम्मेलन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेना से सम्बन्धित प्रत्येक समस्या का समयबद्ध समाधान निकालने के लिए तत्पर है। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सेना के साथ समस्याओं के समाधान में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।
सिविल और सैन्य अधिकारियों द्वारा वार्ता कर विभिन्न मुद्दों पर सहमति के लिए किए गए प्रयासों और उनकी प्रगति की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार सेना को हर सम्भव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं शहीद सैनिकों के आश्रितों की समस्याओं के समाधान एवं कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रही है। यह व्यवस्था भी की गई है कि शहीद के अंतिम संस्कार में राज्य सरकार का प्रतिनिधि उपस्थित रहे तथा शहीद के परिवार को दिया जाने वाला आर्थिक सहयोग भी उसी दिन उपलब्ध करा दिया जाए।
इस अवसर पर 01 जनवरी, 1986 से पूर्व के अशोक चक्र श्रृंखला (अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र) के विजेताओं तथा अन्य वीरता पुरस्कार विजेताओं को आर्थिक सहयोग दिए जाने तथा वीरता एवं विशिष्ट पदक विजेताओं को दिए जाने वाले वित्तीय पुरस्कार एवं वार्षिकी में वृद्धि का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भूतपूर्व सैनिकों को समेकित सुविधाएं दिए जाने के लिए विभिन्न जनपदों में भूमि हस्तान्तरण की कार्रवाई एक माह में पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सैन्य आॅपरेशन के दौरान शहीद अथवा दिव्यांग सैनिकों के आश्रितों को ‘डेथ इन हार्नेस’ योजना के तहत सेवायोजित करने हेतु शासनादेश निर्गत कर दिया गया है। उन्होंने सैन्य अधिकारियों को भूतपूर्व सैनिकों को स्टाम्प ड्यूटी में दी जा रही छूट को बढ़ाने तथा इसे सेवारत सैनिकों पर लागू करने के प्रस्ताव पर विचार का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्य सचिव को राजकीय सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों के कोटे की समीक्षा के निर्देश भी दिए।
सम्मेलन के दौरान अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि लखनऊ नगर में सेना की आपत्ति के कारण लम्बित परियोजनाओं के सम्बन्ध में वार्ता के माध्यम से सहमति बन गई है। इससे अब इन परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता है। कुम्भ मेला-2019 को निर्विघ्न एवं सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जनपद इलाहाबाद में सेना की भूमि के उपयोग, सेना के परेड ग्राउण्ड की भूमि के अक्टूबर, 2018 से जून, 2019 तक अस्थायी अधिग्रहण, परेड ग्राउण्ड में तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं के लिए सीवरेज, डेनेज एवं पेयजल पाइप लाइन को स्थायी रूप से अण्डरग्राउण्ड बिछाने तथा किले के अंदर पवित्र अक्षयवट के दर्शन के आकांक्षी तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए पहुंच मार्ग एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं की अस्थायी व्यवस्था हेतु सैन्य अधिकारियों द्वारा सहमति प्रदान की गई है।
इस अवसर पर उत्तर भारत के जी0ओ0सी0 लेफ्टिनेन्ट जनरल हरीश ठुकराल, मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार तथा सेना व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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