जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची को बंधक बनाकर गैंगरेप के बाद हुई हत्या के मामले में पूरे देश की संवेदना पीड़िता के साथ है। मगर यूपी पुलिस के एक आला अफसर की इस मामले में संवेदनहीनता सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पुलिस के इस अफसर का नाम है मानसिंह चौहान और जनाब मेरठ में एसपी सिटी है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश और पास्को एक्ट के निर्देशों को दरकिनार करके मानसिंह चौहान ने तीन दिन पहले एक प्रेसनोट जारी किया, जिसमें एसपी सिटी ने कठुआ केस की मासूम पीड़िता का नाम उजागर किया है।

प्रेसनोट जारी कर मीडिया ग्रुप में किया था पोस्ट

एसपी मानसिंह चौहान ने यह गलती एक बार नही दो बार की है और प्रेसनोट को अपने हस्ताक्षरों से जारी किया है। पुलिस के अफसर की ऐसी हरकत समझ में नही आती, लेकिन प्रेसनोट को अपने हस्ताक्षरों से जारी करके एसपी मानसिंह चौहान ने मेरठ के पत्रकारों के लिए बनाये गये व्हाट्सअप के मीडिया ग्रुप में पोस्ट कर दिया। इस ग्रुप की एडमिन खुद मेरठ की एसएसपी मंजिल सैनी है। मगर एसएसपी या ग्रुप में शामिल किसी भी अफसर ने एसपी मानसिंह चौहान की इस हरकत पर आपत्ति नही की। एसपी मानसिंह चौहान की यह हरकत उस वक्त है जब पूरे देश की संवेदनाऐं पीड़िता के साथ है।

exposed the name of the victim by city SSP of meerut (4) copy

मीडिया हाउस पर लगाया जा चुका है जुर्माना

पहचान उजागर करने पर दिल्ली हाईकोर्ट देश के बड़े एक दर्जन मीडिया हाउस पर 10-10 लाख रूपये का जुर्माना कर चुका है। मेरठ के एसपी सिटी मानसिंह चौहान प्रदेश के एक डिप्टी सीएम के काफी करीबी माने जाते है और मेरठ में कई बार कानून को ठेंगा दिखाने के बाबजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई। एसपी मानसिंह चौहान ने एक बार फिर कानून और अदालत के आदेश की धज्जियां उड़ा दी है।

ये भी पढ़ेंः सोनिया गांधी पर दर्ज हो सकता है धोखाधड़ी का केस

ये भी पढ़ेंः MLC दिनेश सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग करेगी कांग्रेस

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें