उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजे आ गए है और लगभग 15 साल बाद भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में विजयी होकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। मगर इन सभी के पीछे एक मिथ्या फैला हुआ है कि जिन भी प्रदेशों में मुख्यमंत्रियों ने मेट्रो का शिलान्यास किया, वे सत्ता में वापसी नहीं कर सके।

कोलकाता, दिल्ली, जयपुर है उदहारण :

  • 1972 में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की सरकार में बनी हुई थी।
  •  उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर ने मेट्रो का शिलान्यास किया था।
  • मगर उसके बाद हुए चुनावों में कांग्रेस को हार मिली और वह सत्ता से बाहर हो गयी।
  • इसके अलावा देश के राजधानी दिल्ली में 1998 में मदनलाल खुराना ने मेट्रो का शिलान्यास किया था।
  • मगर चार साल बाद जब इसका कार्य पूरा हुआ तो कांग्रेस की शीला दीक्षित ने इसका उद्घाटन किया था।
  • साथ ही राजस्थान में 2010 में कांग्रेस के अशोक गहलोत ने मेट्रो का शिलान्यास किया गया था।
  • चुनाव के लिए उन्होंने 2013 में इसका उद्घाटन भी कर दिया था।
  • मगर फिर भी वे सत्ता में वापसी करने में असफल साबित हुए थे।
  • हालाँकि इसका एक अपवाद भी है जो हरियाणा में हुआ था।
  • हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2009 उन्होंने मेट्रो का शिलान्यास किया था।
  • इसके बाद अपने ही कार्यकाल 2013 में उन्होंने इसका संचालन शुरू भी करवा दिया था।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें