माघ मेला रामनगरिया का उदघाटन आज दोपहर बाद किया जाना है लेकिन अभी तक बहुत सी तैयारियों में पीछे दिखाई दे रहा है मात्र 3 घण्टे में कैसे सभी तैयारियां पूरी की जा सकेंगी. मेले की सुरक्षा के लिए एक मेला प्रभारी 30 एसआई 150 सिपाही 28 महिला सिपाही एक पीएसी प्लाटून, फायर सर्विस,225 पीआरडी जवानों को लगाया गया है जिनमे 25 गार्ड यातायात व्यवस्था को देखेंगे.

मेले की सीसीटीवी कैमरों से दिन रात सुरक्षा कराई जायेगी

मेले की सीसीटीवी कैमरों से भी दिन रात सुरक्षा कराई जायेगी. वाहन स्टैंड, मुख्य बाजार, प्रसाशनिक पांडाल, मनोरंजन, प्रसाशनिक मार्ग आदि स्थानों पर कैमरे लगाए जायेंगे. माघ मेला रामनगरिया की शुरुआत लालटेन जलाकर शुरू की गई थी. उसके बाद गंगा घाट पर 1971 में पुल बनकर तैयार हुआ 1972 में उसका उद्धघाटन किया गया था लोगों की माने तो उस समय गंगा पुल को इस प्रकार से नही सजाया गया था जो यह 2018 में सजाया जा रहा है.

मेले में प्रवेश के लिए सात मार्ग तैयार किये गए है

मेले में प्रवेश के लिए सात मार्ग तैयार किये गए है.पूरे मेले में कल्पवासियों के लिए सार्वजनिक 450 शौचालयों का निर्माण कराया गया है. उसके साथ ही जो ज्यादा वृद्ध है उनके लिए निजी शौचालयों का भी निर्माण कराया गया है. मेले में धूल न उड़ सके उसके नगरपालिका के पानी टैकरों से पानी का मुख्य मार्गो पर छिड़काव किया जा रहा है.

अभी तक बल्ब नही लगाये गए है.

तीसरी सीढ़ी पर लाइन तो खीच दी गई लेकिन उनमें बल्ब नही नही लगाये है. जो कल्पवास क्षेत्र में शौचालय बनाये गए उन पर बिजली पानी की व्यवस्था नही हो पाई है. जिस कारण शौच करने वालों को काफी परेशानी हो रही है. जो गंगा में गिरता है वह पूर्ण रूप से बंद कर दिया है.

मिटटी के तेल का वितरण बन्द करा देना चाहिए…

एक संत ने कहा कि मेले में जो मिटटी का तेल का वितरण होता है उसको बन्द करा देना चाहिए. ताकि जो लोग यहां से मिटटी लेकर अपने खेत में पानी भरते हैं. उसी बजह से बवाल होता है. वह हमेशा के लिए बंद हो सके. गंगा आरती के लिए मंच भी बनाया जा रहा है. जिसके माध्यम से डीएम माँ गंगा में दीपदान करेगी. उधर सभी नाविकों का पहचान पत्र बनाया जा रहा है. उसके माघ मेले में कितने पण्डे बैठते हैं उनकी भी लिस्ट बनाई जा रही है, जिससे मेले में किसी प्रकार की अवस्था न फैल सके.

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