मैं आईजी बोल रहा हूं। तुम्हारी कई शिकायतें मुझे मिली हैं। जांच की पूरी फाइल मेरे पास आई है। मुझसे मिलकर कुछ समझ लो नहीं तो ट्रांसफर ऐसी जगह कराऊंगा कि जिंदगी भर याद रखोगे। तुम्हारा काम ठीक नहीं चल रहा है। मुझे इतने रुपये पहुंचा दो। इस तरह थानाप्रभारियों और पुलिस अधिकारियों को अर्दब में लेकर रुपयों की मांग करने वाले शातिर जालसाज को क्राइमब्रांच ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपित संतकबीर नगर का रहने वाला सुनील कुमार पांडेय है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपित सुनील कुमार पांडेय हरियाणा बहादुरगढ़ स्थित एक जूता-चप्पल बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करता है। उसके खिलाफ रायबरेली नगर कोतवाली में 25 अप्रैल को महिला थाने की एसएसआई की तहरीर पर धोखाधड़ी, अभद्रता करने समेत कई अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज थी। कभी आईजी लखनऊ सुजीत पांडेय तो कभी आईजी इलाहाबाद के नाम से वह थानाप्रभारी और पुलिस अधिकारियों को फोन करता था।

ट्रू कॉलर में आईजी के नाम से दर्ज है नंबर

पुलिस के मुताबिक, आरोपित सुनील ने फेक आइडी से नंबर ले रखा था। उसने अपने नंबर को ट्रू कॉलर में आईजी के नाम से रजिस्टर्ड कर रखा था। जब वह किसी के पास फोन करता था तो उसकी स्क्रिन पर आईजी का नाम शो करता था। इसलिए पुलिस कर्मी उसे अपना अफसर मान लेते थे।

लखनऊ की महिला थाना प्रभारी को भी धमका चुका आरोपी

महिला थाना प्रभारी शारदा चौधरी के मुताबिक कुछ दिन पहले उन्हें भी आईजी के नाम से जांच का हवाला देकर किसी ने उनके पास फोन किया था। उसने भी एक जांच में फंसाने की बात कही थी। पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद उनके पास फोन आना बंद हो गया।

आईजी के एक करीबी अधिकारी को फोन करने पर फंसा

बताया जा रहा है कि जालसाज ने चार दिन पहले आईजी सुजीत पांडेय के एक करीबी अधिकारी को फोन कर उन्हें अर्दब में लेने का प्रयास किया था। वह अधिकारी, आईजी के बातचीत करने के तौर तरीके से परिचित थे। अधिकारी ने आईजी से बात की तो इसका खुलासा हुआ। आईजी ने क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम को आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लगाया। पुलिस ने मोबाइल नंबर को ट्रेस कर आरोपित को खोज निकाला।

आईजी लखनऊ और इलाहाबाद बनकर देता था धमकी

रायबरेली नगर कोतवाली के दारोगा सुरेश कुमार सिंह के मुताबिक सुनील ने 14 अप्रैल की दोपहर महिला थाने की एसएसआइ को फोन कर कहा कि मैं आईजी इलाहाबाद रमित शर्मा बोल रहा हूं। तुम्हारी जांच की फाइल मेरे पास आयी है। मुझे कुछ समझ लो या फिर खाते में रुपये ट्रांसफर कर दो, नहीं तो जांच में दिक्कत होगी। इसके बाद फोन काट दिया। महिला दारोगा ने सीयूजी नंबर से फोन किया तो वह धमकाने लगा। इसके बाद फोन काट दिया। इसके बाद 22 अप्रैल की शाम करीब छह बजे महिला थाना प्रभारी को फोन करके कहा कि आईजी बोल रहा हूं। एसएसआई से कहो कि मुझसे बात कर ले। एसएसआई ने बात की तो रुपये खाते में ट्रांसफर करने का दबाव बनाने लगा।

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