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मेरठ: बेटियों की सुरक्षा में असमर्थ परिवार पलायन को मजबूर, नहीं हो रही कार्रवाई

family forced to flee for fear of unable to protect daughters

family forced to flee for fear of unable to protect daughters

कैराना और मुज्जफरनगर की तरह मेरठ में भी छेड़छाड़ से परेशान मां-बाप अपनी बेटियों की आबरू की खातिर पलायन के लिए तैयार है. कई महीनों से हो रही छेड़छाड़ और मारपीट से परेशान होकर परिवार ने घर के बाहर पलायन का पोस्टर लगा दिया तो पुलिस की नींद खुली और केस दर्ज हो गया. लेकिन छेड़छाड़ के आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से हाथ पीछे खींचे हुए है.

क्या है मामला :

मेरठ के लिसाड़ीगेट इलाके में एक दिव्यांग का परिवार आठ महीनों से पड़ोसी बदमाशों से परेशान है। घर में दो जवान बेटियां है और पड़ोस का शहजाद घर के आंगन में मोबाइल कैमरे से बेटियों के फोटो खींचता है और वीडियो बनाता है।

बेटियों ने एक दिन मोर्चा ले लिया तो शहजाद ने अपने दो भाइयों और आधा दर्जन साथियों के साथ घर में धावा बोला और बेटियों और उनकी मां को बुरी तरह पीट दिया।

हमलावरों ने मां के कपड़े तक फाड़ दिये और अवैध पिस्टलें दिखाकर पूरे परिवार को धमकाया। कई दिनों तक दिव्यांग और उनकी पत्नी पुलिस चौकी और थाने के चक्कर लगाती रही। लेकिन पुलिस वालों के कानों तक उनकी फरियाद नहीं पहुंची. यां शायद सुनना ही नहीं चाहा.

जिसके बाद प्रेषण परिवार ने बेटियों की खातिर मुहल्ले से पलायन का फैसला किया और घर के बाहर मकान बेचने के लिए पोस्टर लगा दिया। तब जाकर पुलिस की नींद खुली और केस दर्ज किया गया।

पुलिस कार्रवाई के नाम पर कर रही खानापूर्ति: 

आरोप है कि दिव्यांग के घर में हमला करने वाले पड़ोसी और उनके रिश्तेदार इलाके में अवैध मांस के बड़े माफिया है इसलिए पुलिस उन पर पहले से मेहरबान है. केस में आरोपी संख्या 2 कल्लू इस माफिया गैंग का सरगना है और इलाके में पैसे और गुंडई के बल पर उसकी तूती बोलती है.

सूत्रों के मुताबिक़ शहजाद लूट और हमले की कई वारदातों में पहले से आरोपी रहा है. इसलिए उसके खिलाफ भी मुहल्ले में कोई मुंह खोलने के लिए तैयार नही.

वहीं पुलिस ने भी भले ही परिवार के पलायन के ऐलान के बाद केस दर्ज कर लिया हो लेकिन थाने से बिना किसी कार्रवाई के छोड़ भी दिया. इतना ही नहीं आरोप ये भी है कि पुलिस ने परिवार पर दबाव बनाकर पोस्टर भी हटवा दिया है लेकिन बीते तीन दिन से चौकी से लेकर थाने तक कार्रवाई के नाम पर जॉच-जॉच का खेल चल रहा है. बदमाशों के खौफ से बेटियों और बेटे की पढ़ाई तो पहले ही छूट चुकी है बावजूद इसके पुलिस बदमाशों पर मेहरबानियां किये जा रही है.

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