सोचिए जब दस दिनोें तक आपको सब्जी और दूध नहीं मिलेगा तो क्या होगा। सोचकर ही घबड़ा गए ना। जल्द ही किसानों द्वारा 10 दिनों तक शहरों को सब्जी और दूध की सप्लाई नहीं करेंगे। यहां तक कि किसान शहरों से दवाई छोड़कर अन्य किसी भी चीज की खरीददारी भी नहीं करेंगे। इसी क्रम में देश के युवा किसानों ने ट्वीटर पर भी इसकी मुहिम छेड़ दी है। जिसमें गांव बंद और किसान छुट्टी के हैश टैग के साथ ट्वीटर पर मेरठ के किसान भी जमकर ट्वीट कर रहे हैं।

कई किसान यूनियन के नेता कर रहे समर्थन

बता दें कि किसानों ने ऐलान किया है कि पहली जून से दस जून तक ग्राम बंद का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान गांव से शहर को दूध, सब्जी आदि की सप्लाई नहीं की जाएगी। इस मसले पर मेरठ के नवीन प्रधान ने बताया कि एक जून से दस जून तक गांव बंद, किसान छुट्टी पर मुहिम के लिए ट्विटर पर किसानों ने भी खूब ट्वीट किए हैं। प्रधान बताते हैं कि कर्नाटक के किसान नेता चंद्रशेखर, भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजोवाला, कृषि एवं पर्यावरण विशेषज्ञ देविंदर शर्मा, मध्य प्रदेश के आम किसान यूनियन के नेता केदार सिरोही इस पूरी मुहिम का कोआर्डिनेशन कर रहे हैं।

नए जमाने में बदला आंदोलन का तरीका

प्रधान कहते हैं कि अब जमाना बदल रहा है सो किसान भी अपने आंदोलन का तरीका बदल रहा है। इस धरने ना कही सड़क जाम होगा और ना ही कहीं धरना प्रर्दषन। नए दौर मेें नद तरीके से आंदोलन की शुरुआत की जा रही है। यह आंदोलन किसानों की पूर्ण कर्जमाफी, फसलों के एमएसपी को लागत का डेढ़ गुना तय करने और किसानों की आय भी सुनिश्चित करने की मांग को लेकर किया जा रहा है। गांव बंद के दौरान किसान गांव में ही मौजूद रहेंगे, लेकिन इस दौरान दूध के साथ फल, सब्जियों और खाद्यान्न की बिक्री नहीं की जाएगी। इसके अलावा शहर से दवाइयों को छोड़ अन्य वस्तुओं की खरीद भी किसानों द्वारा नहीं की जाएगी।

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