हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एसवी क्रेडिट लाइन कंपनी ने यूपी के किसानों को 36 फीसदी ब्याज की दर पर माइक्रो लोन देना शुरु किया है। इस कंपनी ने राज्य के करीब 80 जगहों पर अपना जाल बिछाया हुआ है ओर दलालों के माध्यम ब्याज वसूली का इनका ये धंधा फल-फूल रहा है।

मामले में शिकायतकर्ता वकील ब्रिजेन्द्र सिंह को जान से मारने की धमकी भी मिल रही है। वित्त विभाग के डीजी शिव सिंह ने कंपनी पर एफआईआर करने का आदेश दे दिए हैं।

प्रदेश का किसान पहले ही बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और फिर भयंकर सुखे से तबाह हो रहा था। एसवी क्रेडिट लाइन ने प्रदेश के अधिकांश किसानों को अपने जाल में फंसा लिया और सूदखोरों के चंगुल से निकलना फ़िलहाल किसानों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

कंपनी पर एक एनजीओ ने आरोप लगाया है कि आरबीआई की गाईडलाइन के विरुद्ध कंपनी सूद पर लोन बांट रही है बल्कि किसानों की जमीनों के कागजात भी गिरवी रख रही है।

फाइनेंस कंपनियों पर नजर रखने वाले संस्थागत वित्त विभाग में भी कंपनी की शिकायत की गई है। सूदखोरी के इस काले कारोबार में पीएनबी के पूर्व चेयरमैन एसएस कोहली भी शामिल हैं। साथ ही कंपनी के दो प्रमोटर सुनील सचदेवा ओर विजय पारीख पर भी इस सूदखोरी में शामिल होने के आरोप लगे हैं।

कंपनी के अधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद आकड़ों के लिहाज से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों में ये सूदखोरी का काला कारोबार चल रहा है और करीब 6 लाख से ज्यादा किसानों को 2600 करोड़ रूपये लोन के नाम पर दिए जा चुके हैं।

संस्थागत वित्त निदेशालय के डीजी शिव सिंह ने सभी जिलों के डीएम को जरुरी निर्देश देते हुए कंपनी के खिलाफ जाँच करने को कहा है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरबीआई से भी लों का ब्यौरा माँगा गया है।

 

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