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फतेहपुर: मलाका गाँव में आग के तांडव के बाद प्रशासन का मलहम

फतेहपुर के गाज़ीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मलाका गाँव में भीषण आग लगने से तबाह हो गया. करीब 60 से 70 घर पूरी तरह से रख हो गये. प्रशासन ने मामले की गंभीरता को भापते हुए पीड़ितों के लिए राहत सामग्री की व्यवस्था की इसके अलावा उनको स्थाई निवास और इस दुर्घटना से उबरने के लिए सहायता देने का आश्वासन दिया है.

3 दिन पहले लगी थी चूल्हे की चिंगारी से आग:

मई की तपती धूप और ऊपर से दिन भर चलने वाली तेज हवा ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर रखा है. इसी बीच अगर भीषण आग भी अपना कहर बरपा जाये तो जिंदगी दूबर होना जायज है.
ऐसा ही एक मामला गाजीपुर थाने के मलाका गाँव का है, जहाँ 3 दिन पहले आग लग गयी थी. यह आग इतनी भीषण थी कि इनकी लपटों ने पूरे गाँव को जला कर राख कर दिया.
मलाका गांव मे चूल्हे से निकली चिंगारी ने ऐसा कहर बरपाया कि एक साथ सैकड़ों जिंदगी सड़क पर आ गईं थी और चारों तरफ कोहराम मचा रहा. किसी तरह ग्रामीणों और अग्नि शमन विभाग के संगठित प्रयास ने जैसे तैसे आग पर काबू पाया लिया पर तबाही के ऐसे मंजर की तस्वीर दिखी, जिसने सब कुछ जलाकर खत्म कर दिया है. क्या जानवार क्या इंसान सब का आसियाना उजड़ जाने पर ग्रामीण दहाड़ मार-मारकर रो रहे थें.

60 से 70 घर पूरी तरह हुए तबाह: 

बता दें कि गाँव में लगी इस आग में करीब 60 से 70 घरों के पूरी तरह से जल कर खांक बन गये. अन्न का एक दाना तक नहीं बचा. घर में रखा सारा सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया. वहीं मौके पर पहुंचे लेखपाल ने बताया कि आग से करीब 50 लाख के आसपास गृहस्थी का समान जलकर राख हो गया है.
ऐसे में पीड़ित परिवार अब सिर्फ और सिर्फ सरकार से मदद की उम्मीद लगाएं बैठे है और पीड़ितों की इस आस को सरकार ने निराश नही किया.

प्रशासन ने पीड़ितों को दिया राहत का  आश्वासन:

दो जून रोटी तक न होने से पीड़ित परिवारों की मदद के लिए प्रशासन आगे आया. जिलाधिकारी के आदेश पर गाँव के प्राइमरी स्कूल को बंद कराकर उसमे पीड़ितों के लिये भोजन बनवाने और खिलाने की व्यवस्था की गयी. इसके साथ ही पीड़ितों को स्थायी निवास के लिए जगह और सहायता चेक देने का आशवासन भी दिया गया. इसके अलावा जिन पीड़ित परिवारों में शादियां होनी थी उनकी सहमति से सामूहिक विवाह कराने का आशवासन भी दिया गया।
आग का यह भीषण कहर कुछ लोगों को ऐसा जख्म दे गया है जो शायद वो अपनी पूरी जिंदगी भुला नहीं पाएंगे परंतु जिलाधिकारी के आदेश पर पीड़ितों के लिए किये गए कामों ने उनके ज़ख़्मो पर मलहम जरूर लगा दिए.

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