मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 में सैकड़ों कर्मचारियों को पिछले चार महीने से बकाया वेतन नहीं मिला है इसके चलते वह कई दिनों से हंगामा कर रहे हैं। पिछली 7 मार्च 2018 को कर्मचारियों ने विभूतिखंड थानाक्षेत्र स्थित साइबर हाइट टॉवर के छठे फ्लोर पर जमकर हंगामा किया था और कूदने की धमकी दी थी। कोई टावर पर चढ़ गया तो कई कर्मचारियों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी कर विरोध किया था। इसके बाद पुलिस पहुंची थी और आश्ववासन देकर उन्हें शांत कराया था। दूसरे दिन कर्मचारियों ने गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन कर बकाया वेतन की मांग की थी।

सीएम हेल्पलाइन में वेतन न मिलने की खबरें जब अखबारों और समाचार चैनलों में चलीं तो संस्था की खूब फजीहत हुई। इसके चलते शुक्रवार सुबह जब कर्मचारी काम करने पहुंचे तो उन्हें बंधक बना लिया गया। इस दौरान कई लड़कियों ने जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की। इस घटना से मौके पर हड़कंप मच गया, इसके बाद सभी को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर तीसरे दिन भी कर्मचारियों का प्रदर्शन चल रहा है। कर्मचारियों का आरोप है कि होली भी निकल गई लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। जॉइनिंग भी करा दी गई। वहीं, मामले में विभूतिखंड थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार राय का कहना है कि कर्मचारियों का तीन महीने की ट्रेनिग और एक महीने का वेतन नहीं मिला है। मामले की पड़ताल कर उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

महिला दिवस पर किया सम्मानित लेकिन सीएम की हेल्पलाइन में उत्पीड़न

महिला दिवस पर सीएम योगी ने प्रदेश भर की महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित तो किया लेकिन उनके ही हेल्पलाइन में कार्यरत युवतियों का उत्पीड़न हो रहा है। महिला दिवस के दूसरे ही दिन शुक्रवार को सीएम हेल्पलाइन में युवतियों से अभद्रता की गई। टॉर्चर के कारण लड़कियां बेहोश हो गईं। उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पुलिस से भी उनकी भिड़ंत हुई।

स्योरविन नामक कंपनी चलाती है बीपीओ

बता दें कि गोमतीनगर के विभूतिखंड में साईबर हाईट में सीएम हेल्पलाइन संचालित है। बीपीओ स्योरविन नामक कंपनी इसका काम देख रही है। इसके अंडर में लड़कियों समेत कई टेलीकॉलर सीएम हेल्पलाइन में काम कर रहे हैं। लड़कियों ने बताया कि तीन चार महीने से हमें वेतन नहीं मिला। इसके लिए कई बार मांग उठाई गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

20 लड़कियों को कमरे में किया बंद

पीड़ित लड़कियों के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह हद तो तब हो गई जब हेल्पलाइन की टेलीकॉलर 20 लड़कियों को एक कमरे में बंद कर दिया गया। लड़कियों ने आरोप लगाया कि उनके ट्रेनर और सुपरवाइजर अनुराग और आशुतोष ने लड़कियों से सादे कागज पर साइन कराने की कोशिश की।

लड़कियों का खींचा गया दुपट्टा

आरोप है कि युवतियों ने मना किया तो उन्हें धमका कर उनसे बदतमीजी की गई। लड़कियों का दुपट्टा खींचा गया। इसका वीडियो भी अनुराग और आशुतोष ने बनाया। इसी टॉर्चर के कारण लड़कियां बेहोश हो गईं तो दोनों ट्रेनर भाग निकले। बेहोश होने वालों में मोहनलालगंज की शालू यादव, बिहार की शिवानी, मडियांव की सीमा, जौनपुर निवासी मंजू यादव और मडियांव की निवासी शमा नाज परवीन शामिल हैं। साथी कर्मचारी उन्हें लोहिया अस्पताल में लेकर पहुंचे। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम से भी सबकी भिड़ंत हुई।

विभूतिखंड इंस्पेक्टर ने जेल भेजने की दी थी धमकी

टेलीकॉलरों ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले विभूतिखंड इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार राय से मामले की शिकायत की गई तो उन्होंने धमकाया कि जेल में बंद कर देंगे, जिससे तुम्हारा भविष्य बर्बाद हो जाएगा। टेलीकॉलरों ने मीडिया के सामने ही पुलिस को गालियां भी दीं। सूचना पाकर एसपी नार्थ अनुराग वत्स मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे कंपनी के अफसरों और पुलिस पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।

एसीए और सीओ भी मौके पर पहुंचे

उधर, सीएम हेल्पलाइन के ऑफिस के बाहर अन्य कर्मचारियों ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया। एसीएम पूर्व अमित कुमार और सीओ गोमती नगर दीपक सिंह समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। वहीं, बीपीओ ने लिखित शिकायत की है कि ये टेलीकॉलर्स काम नहीं करने दे रहे हैं। कल लड़कों ने वेतन के लिए धरना दिया था, जिसका बदला आज लड़कियों ने ऐसे लिया।

आरोपों को निराधार बता रहा मैनेजमेंट

एसीएम ने टेलीकॉलर्स को आश्वासन दिया है कि मैनेजमेंट से बात की गई है, जिन्हें वेतन संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें जल्द ही वेतन दिया जाएगा। एसीएम ने कहा कि जिन लड़कियों ने उत्पीड़न के मामले में मैंने मैनेजमेंट से बात की लेकिन उन्होंने आरोपों को निराधार बताया है। फिर भी लड़कियों से तहरीर मांगी गई है। तहरीर के आधार पर मामले की गहनता से जांच की जाएगी।

बैग में मिली पेट्रोल से भरी एक बोतल, सीसीटीवी से होगी जांच

इसी बीच पुलिस को एक बैग मिला, जिसमें पेट्रोल से भरी एक बोतल थी। बैग किसका था ये किसी ने पुलिस के सामने नहीं कुबूला। पुलिस ने बैग को कब्जे में ले लिया है। करीब तीन घंटे बाद मामला शांत हुआ। इस मामले में बीपीओ के प्रोजेक्ट हेड ध्रुव मिश्रा ने कहा कि कंपनी में कई शरारती तत्व हैं जो लोगों को भड़का रहे हैं। हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे माहौल खराब कर रहे हैं। लड़कियों के उत्पीड़न के मामले में उनका कहना है कि आरोप गलत है लेकिन इस शिकायत की जांच कराएंगे। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनके जरिए जांच की जाएगी।

क्या है सीएम हेल्पलाइन?

बता दें कि यह हेल्पलाइन एक कॉल कर घर बैठे जनता की शिकायत और समस्या का समाधान करने के लिए शुरू की गई। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से तैयार इस हेल्पलाइन के लिए 500 कर्मचारी प्रति शिफ्ट की क्षमता का कॉल सेंटर गोमती नगर में स्थापित किया गया। 1076 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर जनता अपनी समस्या या शिकायत दर्ज करा सकती है। शिकायत दर्ज करते ही ऑनलाइन संबंधित विभाग को हस्तातरित और संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को मोबाइल संदेश के जरिए उसके समाधान के लिए निर्देशित किया जाता है। अब देखने वाली बात होगी कि इन कर्मचारियों को बकाया वेतन कब मिलेगा।

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Web Title : female employee eaten poisonous substances in CM helpline for salary
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