उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला में बेखौफ बदमाशों का आतंक चरम पर है। एसएसपी मंजिल सैनी अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही हैं। जब से मेरठ की कमान एक महिला आईपीएस अधिकारी के हाथ में दी गई है तब से डबल मर्डर की बाढ़ सी आ गई है। मेरठ पुलिस अपराध नियंत्रण में पूरी तरह से फेल है। मेरठ में बदमाशों के निशाने पर गवाह हैं। अभी हाल ही में अपने पति की हत्या की गवाह पत्नी और उसके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले को अभी कुछ ही दिन बीते थे कि आज फिर एक महिला गवाह को पुलिस की सुरक्षा में बदमाशों ने गोली मार दी। पुलिस ने घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है यहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है।

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जान से मारने की धमकी दे रहा था आरोपी

जानकारी के मुताबिक, मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र में सुमित जाट 50 हजार का इनामी बदमाश है। जिस पर गांव के ही चेतन उर्फ़ भूरा की 2016 में हत्या करने का आरोप है। तभी से मोनू जाट जेल में बंद है, इस मामले में मृतक बेटे की माँ सुचित्रा और भाई गावह है। लेकिन इस मामले में मोनू जाट का भाई सुजीत बेल पर बहार आ गया है। जिसके बाद से ही मोनू जाट का भाई सुजीत, मृतक चेतन की माँ सुचित्रा और उसके भाई को जान से मरने की धमकी दे रहा था।

सुरक्षा की गुहार लगाने एसएसपी कार्यालय गई थी महिला

इस मामले में सुचित्रा और उसका बेटा एसएसपी ऑफिस पहुंचे और आरोपी द्वारा जान से मरने की धमकी देने का आरोप लगते सुरक्षा की गुहार लगाई। एसएसपी मंजिल सैनी ने दो दिन पूर्व ही पीड़ित गवाहों को सुरक्षा की लिहाज से गनर दे दिया। लेकिन शनिवार को दिन निकलते बदमाशों ने सुचित्रा को गोली मार दी और बदमाश मौके से फरार हो गए। घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

एसपी क्राइम मेरठ शिवराम यादव ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है। इस मामले में पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। लेकिन इस घटना में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है, जब पीड़िता को गनर दिया गया था, तो आखिर पीड़िता को गोली कैसे और किसने मार दी। गोली मारने के दौरान गनर कहां गए हुए थे। सवाल है कि अगर गनर होते हुए भी बदमाश गोली मार दे रहे हैं तो आम इंसान कैसे सुरक्षित रह सकता है। लेकिन अब देखना ये भी होगा कि आरोपियों के साथ क्या गनर पर भी एसएसपी कोई कार्रवाई करेंगी या नहीं?

मेरठ में फिर बदमाशों में बाप-बेटे को गोली मारी

02 फरवरी 2018 को मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मोहनपुरी मोहनपुरी के चिकारा कंपलेक्स के पास बीती देर रात बाइक सवार बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए बाप बेटे को निशाना बनाया। रुपयों भरा बैग छीनने के इरादे से बाप बेटे पर हमला कर दिया। लेकिन फिर लूट का विरोध करने पर बाइक सवार बदमाशों को पीड़ितों ने गिरा दिया। इस पर आसपास के लोग इकट्ठा होने लगे तो बदमाश बाइक छोड़कर फरार होने लगे और अपने बचाव के लिए उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया। जिस में पिता-पुत्र को गोली लग गई थी।

पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर आए कैदी हुआ फरार

मेरठ पुलिस की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पेशी पर आया कैदी पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि सिविल लाइन क्षेत्र में ये पूरा घटनाक्रम फ़िल्मी अंदाज में हुआ। इसकी सूचना मिलते ही जब ये संदेश स्थानीय मीडिया के व्हाट्सएप्प ग्रुपों में वायरल हुआ तो महकमें में हड़कंप मच गया। फजीहत होते देख कई थानों की पुलिस ने नाकाबंदी करके बड़ी मुश्किल से कैदी को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। बता दें कि इस इस समय मेरठ में क्राइम कंट्रोल से बाहर है। पुलिस अपराध नियंत्रण में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है।

मेरठ में कुछ ही समय में हो चुके 5 डबल मर्डर

24 जनवरी 2018 को परतापुर थाना क्षेत्र के सोरखा गांव में घर पर बैठे मां-बेटे को तीन बदमाशों ने गोलियों से भून दिया। दिनदहाड़े तीन युवकों ने घर में घुस कर मां निचित्रा (55) और बेेटे भोलू उर्फ़ बलविंदर (26) को गोलियों से भून डाला। बदमाशों ने बेटे को मौत के घाट उतारने के बाद घर के बाद चारपाई पर बैठी मां को 25 सेकेंड में करीब 10 गोलियां मारीथीं। इस घटना की खबर मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। 16 अक्टूबर 2016 महिला के पति नरेंद्र की भी रंजिश में हत्या की गई थी। हत्या के मामले में पत्नी निशचर कौर चश्मदीद गवाह गवाह थी। बताया जा रहा है कि गुरूवार को कोर्ट में गवाही होनी थी।

03 नवंबर 2017 को मेरठ के थाना नौचन्दी क्षेत्र के ढ़वाईनगर इलाके में सलीम नाम के व्यक्ति के डेरी थी और उसी डेरी पर वो अपना दूध का कारोबार चला रहा था। देर शाम जब सलीम अपनी डेरी पर बैठा था तभी एक मोटरसाईकिल पर सवार दो बदमाश आये और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमे सलीम और उसकी डेरी पर काम करने वाले युवक सनी को कई गोलियां लगी। गोली लगने से सलीम डेरी पर काम करने वाले सनी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सलीम को आनन-फानन में नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान सलीम ने भी दम तोड़ दिया था।

7 अक्तूबर 2017 को हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के अलीपुर गांव के जंगल में किसान प्रेम सिंह (58) और उनकी पत्नी मुनेश (54) की बदमाशों ने दौड़ाकर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। इस दोहरे हत्याकांड से क्षेत्र मे सनसनी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बदमाशों ने करीब आधा दर्जन राउंड गोलियां चलाईं और भाग गए थे। वहीं डॉग स्क्वॉड और फिंगर प्रिंट दस्ते ने सैंपल लिए। एसएसपी मंजिल सैनी ने घटना का जल्द खुलासा करने का निर्देश दिया था।

09 जुलाई 2017 को कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले निर्दलीय पार्षद आरिफ (35) अपने मित्र शादाब उर्फ भूरा के साथ शाम को बाल कटवाने के लिए बेस्ट हेयर सैलून पर गए थे। आरिफ वार्ड-66 से निर्दलीय पार्षद थे। बाल कटवाते समय एक पार्षद की बदमाशों ने सरेशाम गोली मारकर हत्या कर दी। बाइक से आये बदमाशों ने सैलून में घुसते ही असलहे से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली चलने से इलाके में सनसनी फैल गई। घटना के वक्त पार्षद और एक व्यक्ति गोली लगने से लहूलुहान होकर गिर फर्श पर गिर गए। घटना के वक्त बाल काट रहे कारीगरों ने जमीन में कुर्सियों की आड़ में छिपकर जान बचाई। वारदात की सूचना मिलते ही एसएसपी मंजिल सैनी, एसपी क्राइम, भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटना में घायलों को लहूलुहान हालत में अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने पार्षद और उसके साथी को मृत घोषित कर दिया था।

17 जुलाई 2017 को मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना इलाके के श्याम नगर में सलीम और भोली दोनों दम्पत्ति थे। दोनों किराये के मकान में रहते थे। रात में जब पड़ोस के बच्चे मकान के पास खेल रहे थे कि वहां तेज़ दुर्गंध आने लगी। देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई। लोगों ने पुलिस को सूचना दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरा खोला तो बिस्तर पर दोनों के शव पड़े मिले। दोनों शव एक दूसरे के ऊपर पड़े मिले थे।

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