2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी के नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा और बसपा ने एकसाथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिससे राज्य में बीजेपी को रोका जा सके। हालाँकि अभी तक इस गठबंधन को लेकर कोई भी औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अपने नेताओं पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बना रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। उसके एक बाहुबली नेता पर कानून का शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है।

सपा के बाहुबली पर हुई FIR :

उत्तर प्रदेश में सपा के बाहुबली पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके छोटे भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ एटा जिले में आय से अधिक संपत्ति व सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गयी है। अकूत दौलत के मालिक रामेश्वर का हजारों एकड़ में साम्राज्य फैला हुआ है। सपा के बाहुबली की शिकायत उन्ही की पार्टी के एक पूर्व विधायक आशीष यादव ने सीएम योगी आदित्‍यनाथ से की थी।

आशीष यादव यूपी विधान परिषद सभापति रमेश यादव के पुत्र हैं और एटा से सपा विधायक रह चुके हैं। आशीष यादव की शिकायत पर शासन ने मामला दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। अलीगढ़ मंडल के कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय टीम में लखनऊ, कानपुर, आगरा, गौतमबुद्धनगर के डीएम को शामिल किया गया है। आरोपी सपा नेता. रामेश्वर यादव सपा के राष्ट्रीय सचिव राम गोपाल के करीबी रिश्तेदार भी है।

अवैध संपत्ति होने का आरोप :

सपा नेता रामेश्वर यादव और उनके परिजनों पर हजारों बीघे जमीन और अकूत संपत्ति को अवैध तरीके से जमा करने का आरोप है। सीएम योगी और शासन को लिखे पत्र में पूर्व विधायक आशीष यादव ने बताया कि एटा के शीतलपुर में पूर्व विधायक और उसके भाई के नाम कागजों में 21 बीघा जमीन दर्ज है। बाउंड्रीवाल से घिरे उनके फार्म हॉउस का क्षेत्रफल 250 बीघा है। आसपुर में उनके नाम 30 बीघा वैध जमीन है जबकि यहां का फार्महाउस 300 बीघे में फैला है। आशीष यादव ने रामेश्वर सिंह की अरबों रुपये कीमत की तमाम कृषि, गैर कृषि, वाणिज्यिक भूमि व मकानों के ब्यौरा दिया है।

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