आईएएस अनुराग तिवारी की जांच करते हुए एसआईटी की टीम को 72 घंटे भी पूरे हो गए। लेकिन अपनी बीत पर खरा उतरने में टीम नाकाम रही।

  • बता दें कि टीम ने 72 घंटे में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया था।
  • वहीं मृतक आईएएस के भाई मयंक तिवारी आज भाई की संदिग्ध मौत में आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आज हत्या की एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं।
  • परिवार वाले इस मामले में सीएम आदित्यनाथ योगी से मिलकर सीबीआई जांच की मांग कर सकते हैं।
  • हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि अभी उन्हें कोई तहरीर नहीं मिली है।
  • अगर तहरीर मिलती है तो केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी।

क्या है पूरा घटनाक्रम?

  • गौरतलब है कि आईएएस अनुराग तिवारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी के साथ उनके 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में रुके थे।
  • बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे उनका शव मीराबाई मार्ग पर गेस्टहाऊस के निकट लगे ट्रांसफार्मर के सामने सड़क किनारे औंधे मुंह पड़ा मिला।
  • राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
  • सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
  • पुलिस को उनकी तलाशी के दौरान जेब से पर्स और पैसे मिले हैं।
  • पुलिस ने जेब से मिले आईकार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त की।
  • प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मृतक अधिकारी के मुंह और सिर पर चोट के निशान थे।
  • आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना मिलते ही आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह, एसएसपी दीपक कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।
  • एसएसपी ने बताया प्रारंभिक पड़ताल में यह सामने आया है कि उन्होंने मंगलवार की रात करीब 11 बजे अपने साथियों के साथ खाना खाया।
  • आशंका है कि वह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले होंगे और उनकी सड़क पर गिरने से मौत हो गई थी।
  • पूछताछ में पता चला है कि वह मंसूरी में ट्रेनिंग लेने के बाद दो दिन पहले लखनऊ आये थे। फिलहाल मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।

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