उत्तर प्रदेश में पूर्व सरकार के एक मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पिछले दिनों हाई कोर्ट ने अयोध्या पाल और पत्नी पर केस दर्ज करने का निर्देश दिया था. पूर्व मंत्री अयोध्या पाल और पत्नी पर केस दर्ज हो गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज हो गया है. एक हफ्ते में केस दर्ज करने का आदेश था, लिहाजा सदर कोतवाली में आनन-फानन में केस दर्ज कराया गया है.

उच्च न्यायलय ने दिया था आदेश 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछली बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया था. राज्य सरकार ने कोर्ट के दिए आश्वासन के बाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दियाथा. पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल पर फतेहपुर सहित कई जिलों में 23 करोड़ रूपए की सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगा था. हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कोई कार्रवाई न करने पर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी.

संयुक्त खंडपीठ ने दिया आदेश :

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की संयुक्त खंडपीठ ने ये आदेश दिया. याची वकील ने कोर्ट में कहा कि बसपा सरकार के मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल ने सपा की सदस्यता ले ली थी. उस दौरान सपा की सरकार भी थी जिसके कारण लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कार्यवाई नहीं की गयी थी.

सरकार ने रखा पक्ष:

राज्य सरकार का कहना था कि लोकायुक्त की जांच को लेकर लखनऊ पीठ में मामला विचाराधीन है. मगर विजिलेंस जांच में घोटाले के आरोप्ल साबित हुए है. राज्य सरकार ने जल्द प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्यवाई की बात कही थी.राज्य सरकार के उचित कार्यवाई करने के आश्वासन के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया.

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