फ़िरोज़ाबाद : महिलाओं को इलाज में होने वाली परेशानियों को देखते हुए फ़िरोज़ाबाद में महिला अस्पताल तो बनवा दिया गया लेकिन दुर्भाग्य से उसे अब तक चालू नहीं किया जा सका है।  कारण कुछ भी हो लेकिन फिलहाल महिलाओं को आज भी इलाज के लिए दर दर भटकना पद रहा है। ऐसे में कड़ी इस अस्पताल की बिल्डिंग को देखकर यहाँ के लोग सर्कार को ही कोसते नज़र आते हैं।

गुणवत्ता की कराई जाएगी जाँच

  • फ़िरोज़ाबाद में कहने को तो महिलों की सुविधा के लिए एक महिला अस्पताल बनवाया गया है।
  • लेकिन हकीकत ये है की एक साल होने के बाद भी अब तक इसे चालू नहीं किया जा सका है।
  • ऐसे में ये अस्पताल की बिल्डिंग हाथी की दांत की तरह मात्रा दिखाने के लिए रह गयी है।
  • सूत्रों की माने तो एक साल पहले ही इसे बनवाकर बंद कर दिया गया।
  • एक साल बीतने के बाद भी यहाँ न तो कोई डॉक्टर है और न ही अभी तक यहाँ इलाज शुरू हो सका है।
  • फ़िरोज़ाबाद में गर्भवती महिलाओं को हमेशा से इलाज के लिए जिला अस्पतालमें जाना पड़ता था।
  • जिला अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं ऐसे में उन्हें बड़े अस्पताल या लखनऊ के अस्पताल में रेफर कर दिया जाता था।
  • उन्हें इस परेशानी से बचने के लिए ही सरकार  की ओर महिला अस्पताल बनवाया गया था।
  • एक साल पहले बने इस अस्पताल में 100 बेड्स की व्यवस्था की गयी है।
  • अस्पताल चालू न होने की जानकारी मिलते ही प्रभारी मंत्री नीलकंठ तिवारी ने मौके पर जाकर अस्पताल का दौरा किया।
  • इसके बाद ही प्रभारी मंत्री नीलकंठ तिवारी ने अस्प्ताल के गुणवत्ता की जांच का आदेश दिया।
  • मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल निर्माण का काम चहेते ठेकेदार को दिया गया था।
  • ऐसे में अस्पताल बनवाने में कैसी सामग्री का प्रयोग किया गया जांच के बाद हे इसका खुलासा होगा।
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