पहले जहाँ भाजपा सरकार ने योग को सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया वही अब बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में यातायात के नियमों और फर्स्ट एड को सीखना अनिवार्य होगा। सड़क दुर्घटनों को लेकर गंभीर योगी सरकार ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में यातायात नियमों की जानकारी और चोटिल व्यक्ति को कैसा प्राथमिक उपचार देना है इसे शामिल करने की बात कही।  जिसके लिए प्रत्येक छात्र को इसका प्रशिक्षण दिया जायेगा।

रेड क्रॉस की टीम देगी प्रशिक्षण

  • भाजपा सरकार आये दिन उत्तर प्रदेश में होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर गंभीर है।
  • जैसा की कई दुर्घटनाओं गया है की चोटिल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार न मिलने से जाती है।
  • इसकी वजह कई बार आम जनता को प्राथमिक उपचार की जानकारी न होने से होता है।
  • इसी को ध्यान में रखते हुए अब बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में इसे अनिवार्य किया जा रहा है।
  • इसको पढाई में शामिल करने के साथ ही एग्जाम में 10 नम्बर के इससे संबंधित प्रश्न भी पूछे जायेंगे।
  • जिससे छात्रों को इस विषय की पूरी जानकारी हो सके।
  • छात्रों को यह भी जानकारी दी जाएगी की हेड इंजरी या हड्डी टूटने पर मरीज को कैसे उठाना है।
  • इन सभी बारीकियों से छात्रों को रेड क्रॉस की टीम अवगत कराएगी और उचित प्रशिक्षण देगी।
  • इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से भी समय समय पर इस तरह का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
  • आपको बता दें की असामयिक मौतों में 75 फ़ीसदी मौतें सड़क दुर्घटनों में होती हैं।
  • इसमें से करीब आधी या 50 फ़ीसदी लोगों की मौत 15 से 35 आयु वाले लोगों की होती है।
  • पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने का सुझाव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दिया गया है।
  • उनका कहना था की कई बार दुर्घटना होने के बाद विशेषकर हेड इंजरी वाले व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के गलत तरीकों से उसे नुक्सान हो जाता है।
  • छात्रों को ऐसी शिक्षा से जहाँ मिस हैंडलिंग जैसी स्थितयों से बचा जा सकता है।
  • वही मरीज को भी सही तरीके से अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
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