उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला में पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने प्रदेश का पहला एंटी रोमियो एप्प शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल से लांच करवाया। ये एप्प समीक्षा बैठक के बाद प्रभारी मंत्री राजेश अग्रवाल (वित्त मंत्री, प्रदेश सरकार) ने लांच किया। एसपी ने बताया कि इस एप्प के जरिये जिले के सभी रोमियों का फोटो के साथ हाल पता भी दर्ज होगा। मंत्री ने कहा कि ये एप्प सफल होने के बाद आगे प्रदेश के अन्य जनपदों में भी लांच किया जायेगा।

मिर्जापुर पुलिस की सराहनीय पहल

मंत्री ने कहा प्रदेश सस्कार के एक्शन प्लान में महत्वपूर्ण एंटी रोमियो को लेकर मिर्जापुर पुलिस ने प्रदेश का पहला एंटी रोमियो एप तैयार किया है। जिसे एसपी और प्रभारी मंत्री ने लांच किया। एंटी रोमियो एप्प की सराहना करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि बहुत अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन एंटी रोमियो को लेकर गंभीर रहे पुलिस अधीक्षक ने इस एप के द्वारा पूरे जिला में एक ही टीम के सहारे नजर रखी जा सकेगी। रोमियो का पूरा बायोडाटा इसमें दर्ज होगा। खास मौको पर पुलिस रोमियो को काल कर अलर्ट कर देगी और इस पर पुलिस की नजर रहेगी।

फेल साबित हुआ एंटी रोमियो स्क्वॉड

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद महिला सुरक्षा की दृष्टि से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोहदों पर नकेल कसने के लिए यूपी भर में एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया। एंटी रोमियो दल के गठन के बाद करीब एक महीने पुलिस काफी चुस्त दुरुस्त दिखी। पुलिस ने राह चल रहे युवक और युवतियों को बेइज्जत किया। इतना ही नहीं पुलिस कर्मी एक दल की आड़ में छेड़छाड़ और वसूली तक करते देखे गए। कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी हुई। अब देखने वाली बात ये होगी कि किया इस एप्प के लांच होने के बाद छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम लग पायेगी।

विशेष सुरक्षादल दल है एंटी रोमियो

एंटी रोमियो स्क्वाड का जब ज़िक्र आया तब लोगों ने सोचा नहीं कि वास्तव में, यह बनने वाला है। जब इसका गठन हो गया तो ऊपर कहीं बैठे शेक्सपीयर भी इस हैरतअंगेज़ हंगामे को देख सोच रहे होंगे कि मैंने तो यह भी लिखा कि, ‘नाम में क्या रखा है’ और यहां सारा हंगामा ही नाम पर बरपा है। सबसे ज़्यादा तो लोग इसी तर्क के साथ भिड़े हुए हैं कि रोमियो एक महान आख्यान का नायक और प्रेमी क़िरदार है। उसे छेड़छाड़ करने वाला क्यों बना रहे हो? एक त्रासद प्रेम-कथा का नायक जब एक भरे-पूरे समाज में छिछोरे और छेड़खानी करने वालों का प्रतीक बन गया तब लोगों ने विस्मय नहीं किया, लेकिन इस विशेष सुरक्षादल के नामकरण पर जाने लोग इतने आश्चर्य से क्यों भर गए हैं? जबकि वक़्त की मांग नाम से ज़्यादा काम पर ध्यान देने की है।

शोहदों को चेतावनी देकर छोड़ता है दल

मुद्दे पर आने से पहले मेरा एक सवाल है, क्या आपको सच में लगता है कि यह स्क्वाड बनाने वालों को रोमियो के बारे में नहीं पता है? जी, उनको प्रेम, मुहब्बत, इश्क़ और छेड़छाड़, ज़बरदस्ती, बलात्कार का अंतर पता है और पर वे इसे समझना चाहेंगे इसमें मुझे घोर संदेह है। जानना हमेशा मान लेना, समझ जाना नहीं होता न? उनके लिए छेड़छाड़ और जबरन की जा रही चीज़ें स्वीकार्य हैं पर प्रेम नहीं। यह बात अजीब लग रही है आपको? आप भला हमारे समाज को किन चश्मों से देखते हैं कि रह-रह कर आश्चर्य में भर उठते हैं? एंटी रोमियो स्क्वाड कॉलेजों, स्कूलों, गली-मुहल्लों, पार्कों, सिनेमाघरों, बाज़ार इत्यादि में घूमने वाले मनचले शोहदों की पहचान कर उनको चेतावनी देने और उनके अभिभावकों को समझाने का काम करता है।

पार्क में भी लड़कियों से छेड़छाड़ करते हैं शोहदे

राजधानी लखनऊ के पार्क में शाम के समय लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। आरोप है कि शोहदे लड़कियों को देखकर अपने दोस्तों को बुला लेते हैं और फब्तियां कसते हैं। इतना ही नहीं मौका मिलते ही छेड़छाड़ भी करते हैं। इसकी शिकायत पुलिस से करने के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती।

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