वर्ष के प्रथम चंद्र ग्रहण पर डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ-मंदिर मे सूतक कल से पहले सुबह 7 बजे विश्वकल्याण एवं देश उन्नति के लिए विशेष आरती का आयोजन किया गया। प्रातःकाल ब्रह्म मूर्त मे सबसे पहले शिवलिंग का स्नान गोमती जल से करवाया गया तत पश्च्यात चंद्र रुपी श्रृंगार के साथ डमरू, शंख, ताशा व नागफनी की धुन में भक्तगणों एवं सेवादारों ने झूम कर आरती की।

सुबह 8:17 बजे से सूतक लगने के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। चंद्रग्रहण ख़तम होने के बाद मठ स्नान व अभिषेक के बाद रात्रि 9:38 बजे के बाद फिर से मंदिर के कपाट भक्तगणों के लिए खोल दिए गए। इस बार वर्ष का ये चंद्र ग्रहण माघ शुक्ल पूर्णिमा के अवसर पर है। इस कारण नमोस्तुते माँ गोमती की महाआरती 30 जनवरी मंगल को की गई।

संध्याकाल मे मंदिर के कपाट खुलने के बाद महादेव के दर्शन करने श्रद्धालुओं को ताता निरंतर लगा रहा। इस अवसर पर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने कहा कि चंद्र ग्रहण एक धर्मिक के साथ-खगौलिक घटना भी है। अगर हम धर्म ग्रंथो का उल्लेख ले तो ग्रहण से समय मूर्ति स्पर्श वर्जित है। जब तक ग्रहण होता है हम ईस्वर भजन व प्रार्थना कर सकते हैं खगौलिक दृस्टि से भी ऐसे चंद्रग्रहण 172 वर्ष बाद पड़ रहा है।

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21 सेवादारों के साथ मिल कर की गई विश्व कल्याण महाआरती

मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरि ने मंदिर परिसर में भगवान महादेव की महा आरती की। आचार्य शिवराम अवस्थी के आचार्यत्व में सभी सेवादार केसरिया रंग की वेशभूषा में सुसज्जित होकर हर हर महादेवं के जयगोष के आरती और पूजा अर्चना की।

महा आरती में यश अग्रवाल, प्रेम अवस्थी, विक्की, दिनेश राठौड़, मुक्तेश, नक्षत्र पांडेय, आशीष कुमार, आशीष चौधरी, सोनू सिंह, वरुण सोनकर, विजय मिश्रा, अमन शुक्ला, अमित गुप्ता ,दीपू ठाकुर, कमल जायसवाल,शुभतिवारी, बृजेश सिंह, अमित मिश्रा, तरुण, आदित्य मिश्र, मुकेश, मनी, अनिकेत, अनिल कुमार मिश्रा, संजीत, मोहित कश्यप, हिमांशु गुप्ता, कृष्णा सिंह व गजेंद्र प्रताप सिंह की अहम भूमिका रही।

 

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