उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और भारत रत्न गोविंद वल्लभ पंत की 129वीं जयन्ती के अवसर पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा के सामने स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर सीएम और राज्यपाल ने प्रतिमा पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन चढ़ायें।

आज भी प्रासंगिक है उनका विचारः

  • इस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि गोविन्द बल्लभ पंत का देश एवं प्रदेश की राजनीति में बड़ा योगदान रहा है।
  • उन्होंने देश की सेवा की और उन्हें भारत रत्न प्रदान किया गया।
  • उन्होंने जिन बुनियादी चीजों की शुरूआत की थी उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है।
  • पंडित गोविन्द बल्लभ पंत द्वारा आम आदमी के जीवन में बदलाव लाने के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
  • उन्होंने कहा कि आम आदमी के जीवन में सुधार आये आज यही संकल्प लेने की आवश्यकता है।

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स्वतंत्रता संग्राम के लिए किया संघर्षः

  • राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पंत एक अच्छे वकील और अच्छे नेता थे।
  • सफाई कर्मियों के जीवन में सुधार लाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किये।
  • भारत में वर्तमान में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत उनके प्रयासों का महत्व और भी बढ़ जाता हैं।
  • जब देश आजाद नहीं था तब उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया।
  • देश के गृहमंत्री के रूप में भी उन्होंने प्रमाणिकता एवं पारदर्शिता के साथ देश की सेवा की।
  • उन्होंने अपने कार्यकाल में भूमि सुधार और सुशासन किस प्रकार स्थापित किया जा सकता है उसका नमूना पेश किया।

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govind ballabh pant 129

उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थें पन्तः

  • गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितम्बर, 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित खूंट गाव में हुआ था।
  • मुकद्दमें ने एक वकील के तौर पर उन्हें पहचान और प्रतिष्ठा दिलाई।
  • गोविन्द बल्लभ पंत जी की वकालत के बारे में कई किस्से मशहूर थे।
  • कहा जाता है, जो मुवक्किल अपने मुकदमों के बारे में सही जानकारी नहीं देते थे, पंत जी उनका मुकदमा नहीं लेते थे।
  • वर्ष 1937 में पंत जी संयुक्त प्रांत के प्रथम प्रधानमंत्री बने और 1946 में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने।
  • 10 जनवरी, 1955 को उन्होंने भारत के गृह मंत्री का पद संभाला।
  • सन 1957 में गणतन्त्र दिवस पर पन्त जी को भारत की सर्वोच्च उपाधि भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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