शुक्रवार की रात से किसानों ने यूपी विधानसभा, राजभवन और सीएम आवास के बाहर से लेकर 1090 चौराहे तक किसानों ने रातभर आलू फेंककर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की लेकिन इस दौरान पुलिस प्रशासन सोता रहा। शनिवार सुबह-सुबह सड़क पर इतनी ज्यादा मात्रा में आलू देखकर पुलिस व प्रशासन महकमे में हड़कंप मच गया। कार्रवाई के डर से अधिकारियों ने खुद से आलू उठवाकर सकड़ साफ करवाईं। मामले को तूल पकड़ता देख एसएसपी दीपक कुमार ने एक दारोगा सहित पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि विधान भवन से लेकर 1090 चौराहे पर जगह-जगह सड़क पर आलू बिखरे पड़े होने की बात सामने आई थी। इस घटना को कुछ शरारती तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया। घटना के अंजाम में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि लापरवाही पाए जाने पर गौतमपल्ली थाने के उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार, 1082 आरक्षी कोमल सिंह, 6527 नवीन कुमार, थाना हजरतगंज के 546 आरक्षी अंकुर चौधरी, 1201 वेदप्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एसएसपी ने बताया कि किसान यूनियन के स्थानीय नेताओं से फोन पर संपर्क किया गया तो इस घटना में उनकी संलिप्तता नहीं पाई गई है उन्होंने घटना में शामिल होने से इंकार कर दिया है।

रात भर सोती रही पुलिस

बता दें कि शहर भर में खुद को हाईटेक होने का दावा करने वाली पुलिस और खुफिया विभाग रात में गश्त करने के बजाय सोती रही। किसान रात में सड़कों पर आलू उड़ेलते रहे लेकिन इसकी भनक जिला प्रशासन को भी नहीं लग पाई। हालांकि मीडिया के जरिये जब मामले ने तूल पकड़ा तो एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि आलू फेंकने वालों किसानों और वाहनों की पहचान हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उचित धाराओं के तहत इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सरकार के रवैये से आलू किसान काफी नाराज हैं और लगातार आलू की कीमतों में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

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