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पूर्व सांसद बाल कृष्ण की वापसी में कार्यकर्ताओं में आया जोश

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2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ संगठन को मजबूती देना शुरू कर दिया है। इसके अलावा इस लोकसभा चुनाव में सभी को सपा और बसपा का गठबंधन भी देखने को मिलेगा। इस बीच पूर्वांचल में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। यहाँ पर भाजपा के कद्दावर नेता ने भाजपा छोड़कर कर अब बसपा की सदस्यता ली है। एक तरह से इनकी ये बहुजन समाज पार्टी में वापसी है।

पूर्व सांसद ने ज्वाइन की बसपा :

पूर्व सांसद बाल कृष्ण चौहान की वापसी बसपा में हो गई है। आजमगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य जोनल इंचार्ज डॉ. रामकुमार कुरील ने उन्हें पार्टी में शामिल करने की घोषणा की। इसके बाद पूर्व सांसद मुहम्मदाबाद गोहना पहुंचे जहाँ बसपा कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से लादकर उनका स्वागत किया। पार्टी छोड़ने वाले कद्दावर नेताओं में एक बालकृष्ण की एक बार फिर वापसी कराते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। बसपा जिलाध्यक्ष ने इस मौके पर कहा कि इससे संगठन को मजबूती मिलेगी। इसके पहले आजमगढ़ के बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव भी बसपा का दामन थमा चुके हैं। अब सभी की नजर भाजपा के बाहुबली रमाकांत यादव पर टिकी है जिनके सपा में जाने के खबरें आ रही हैं।

मायावती के थे विश्वासपात्र :

पूर्व सांसद बाल कृष्ण चौहान एक समय में मायावती के बेहद विश्वास पात्र माने जाते थे। वे बसपा सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। कांग्रेसके नेता कल्पनाथ राय के निधन के बाद 1999 में वह लोक सभा में बसपा से सांसद चुने गए थे। इसके बाद पार्टी में मतभेद के चलते उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। वर्ष 2014 में पहले सपा ने उन्हें टिकट दिया था, लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया था। वर्ष 2007 में बसपा सरकार में वह उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के चेयरमैन भी बनाये गए थे। बालकृष्ण चौहान के बसपा में पुन: वापसी पर कार्यकर्ताओं में जोश देखा गया। उनके अपने आवास पर पहुंचते ही वहाँ पहले से उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।

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