यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में पाई जाने वाली चिड़िया ब्लैकविंग स्टिल्ट आईयूसीएन की रेट लिस्ट में शामिल है। दुनिया भर में संकट में पड़ी चिड़िया को भी चंबल की वादियां भाग गई है। सर्दियों में चंबल में दस्तक देने वाली ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट की नेस्टिंग सीजन में भी मौजूदगी से वन विभाग का अमला इनके प्रजनन को लेकर बेहद उत्साहित है। इनकी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है।

यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में नदियों और झीलों में प्रदूषण के चलते कीड़ों को भोजन के रूप में लेने वाले ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट पक्षी की आबादी संकट में पड़ी हुई है। अच्छी बात यह है कि सर्दियों में चंबल का रुख करने वाले पक्षियों ने वापसी का रुख नहीं किया है। बाह, भिंड, मुरैना, इटावा रेंज में इनकी अभी भी मौजूद की वन विभाग के लिए वही प्रजनन करने की उम्मीद बन गई है। पक्षी और जलीय जीवो के विशेषज्ञ सत्येंद्र शर्मा ने बताया कि छोटे समूह में रहने वाले नर ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट पक्षी की पीठ पर काले पंख तथा मादा पक्षी की पीठ पर भूरे पंख होते हैं। चंबल नदी के उथले भाग में हरियाली वाले इलाके में घोसले बनाए गए हैं। अप्रैल से मई तक इनका प्रजनन काल होता है। वनकर्मी इस प्रजनन काल में चिड़िया की चंबल में मौजूदगी से उत्साहित हैं। बाह के रेंजर अमित सिसोदिया और इटावा के रेंजर सर्वेस भदोरिया ने बताया कि प्रजनन काल में ब्लैक पिंक पक्षी की मौजूदगी से चंबल की गोद में प्रजनन की संभावना बढ़ गई है। उनकी गतिविधियां पर नजर रखी जा रही है।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें