उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है। इस उपचुनाव में विपक्षी दल गठबंधन के तहत साझा प्रत्याशी उतारना चाहते हैं मगर सपा ने इस सीट पर अपने दावे से राष्ट्रीय लोक दल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रालोद ने काफी समय पहले ही जयंत चौधरी को कैराना से प्रत्याशी बनाने का फैसला किया था। इसी कारण रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे थे। इस बैठक में तय हुआ था कि रालोद के टिकट पर सपा की तबस्सुम हसन उपचुनाव लड़ेंगी। इस पर जयंत चौधरी ने सहमति जताई थी मगर अब तबस्सुम हसन ने प्रत्याशी बनाये जाने के बाद भी सपा से इस्तीफ़ा दे दिया है।

अखिलेश से मिले जयंत :

उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव 28 मई को होने वाला है। इसके साथ ही दलों में प्रत्याशी उतारने और गठबंधन की हलचल तेज हो गयी है। चौधरी अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल यूपी में बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन चाहती थी। रालोद कैराना लोकसभा सीट पर जयंत को उम्मीदवार बनाना चाहती थी। मगर सपा ने पहले ही अपने प्रत्याशी को उतारने की तैयारी कर ली थी। इन सब के बीच रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले और आखिर में सपा की तबस्सुम हसन के रालोद के टिकट उपचुनाव लड़ने पर सहमति बनी।

 

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रालोद में शामिल हुई तबस्सुम हसन :

उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव में उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने औपचारिक तौर से राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ले ली है। बसपा से सांसद रह चुकीं तबस्सुम ने रालोद प्रमुख अजीत सिंह के बसंत कुंज आवास पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। इस मौके पर अजित सिंह ने उन्हें पार्टी का सिंबल सौंपा। रालोद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद तबस्सुम ने सभी गैर-भाजपा दलों से चुनाव में सहयोग करने की अपील की। वह 9 मई को अपना नामांकन दाखिल करेंगी। रालोद ने तबस्सुम को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया था। इसके पहले कैराना से रालोद महासचिव और अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी के चुनाव लड़ने की चर्चा थी।

 

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