उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी को दूसरे दलों के नेताओं में सेंध लगाने वाली पार्टी के नाम से जाना जाने लगा है। मगर 2019 के पहले सपा ने अब भाजपा में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है। लोकसभा चुनावों को देखते हुए 29 अप्रैल को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को 6 साल बाद नोएडा आना था जहाँ वे पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करना था और कुछ बड़े भाजपा नेताओं के समाजवादी पार्टी ज्वाइन कराने पर फैसला लेना था मगर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नॉएडा दौरा रद्द हो चुका है जिसके कई कारण बताये जा रहे हैं।

सेक्टर 18 में अखिलेश की थी मीटिंग :

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का 29 अप्रैल को नोएडा के सेक्टर 18 में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का कार्यक्रम जारी किया गया था। सियासी गलियारों में चर्चा थी कि वे बीजेपी के किसी बड़े नेता के साथ कुछ अन्य समर्थकों को सपा में शामिल करा सकते हैं। सपा में शामिल होने वाले नेताओं को लेकर सरकारी एजेंसियां भी सक्रिय हैं मगर सपा ने गुप्त रणनीति के तहत सिर्फ अखिलेश यादव के कार्यक्रम की सूचना जारी की थी। आख़िरी बार अखिलेश 6 साल पहले नोएडा आए थे, जब वे 2012 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में थे। उन्होंने यहाँ पर फिल्म सिटी के सामने साइकल यात्रा का शुभारंभ किया था।

 

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सपा नेता ने बताये कई कारण :

6 साल बाद अखिलेश यादव का नोएडा आने का कार्यक्रम जारी हुआ था मगर किन्हीं अज्ञात कारणों की वजह से इसे रद्द कर दिया गया है। अखिलेश यादव 2019 को देखते हुए प्रदेश के हर लोकसभा क्षेत्र में जाना चाहते थे और पार्टी पदाधिकारियों से मिलना चाहते थे। इसकी शुरुआत आज से अखिलेश यादव नोएडा जाकर करने वाले थे मगर उनका ये दौरा रद्द हो गया है। सियासी गलियारों में खबरें हैं कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस दौरे का रद्द होने का कारण दिल्ली में चल रही राहुल गांधी की जन आक्रोश रैली है। इस रैली के कारण पूर्व सीएम अखिलेश यादव के दौरे को उतनी कवरेज मीडिया न देता। ये भी कारण हो सकता है कि उन्होंने अपना नोएडा दौरा निरस्त कर दिया।

 

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