राजधानी लखनऊ में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीते शुक्रवार को पूर्व हेल्थ डीजी और एक आयुष डॉक्टर समेत चार लोगों की डेंगू से मौत हो गयी। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग केवल आकड़ों को छुपाने में जुटा हुआ है।

पूर्व हेल्थ डीजी की मौतः

  • उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के पूर्व निदेशक डॉ. अरूण कुमार श्रीवास्तव की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गई।
  • पिछले महीने डेंगू की पुष्टि होने के बाद उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
  • इसके बाद भी हालात में सुधार नहीं हुए तो उन्हें दिल्ली रेफर किया गया।
  • पिछले कुछ दिनों से उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था।
  • डॉ. अरूण की गिनती शहर के प्रतिष्ठित पैथालॉजिस्ट में की जाती थी।
  • लेकिन डेंगू की चपेट में आने के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

लखनऊ का एक और अफसर हुआ डेंगू का शिकार!

चार अन्य की मौतः

  • लखनऊ के लोहिया अस्पात में भर्ती आयुष चिकित्सक डॉ. शालू अग्रवाल ने भी शुक्रवार को दम तोड़ दिया।
  • इसके अलावा बिजली विभाग में तैनात कर्मी विमलेश की भी मौत हो गई।
  • विमलेश पिछले चार-पांच दिनों से डेंगू के बुखार से पीड़ित था।
  • जिसके बाद परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।
  • यहां डॉक्टरों ने डेंगू की पुष्टि की थी, और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
  • इसके अलावा मोहनलालगंज निवासी संतोष गुप्ता और गणेशखेड़ा निवासी छेदना की डेंगू ने जान ले ली।

सामने आयें 2850 मरीजः

  • शुक्रवार तक प्रदेश में डेंगू से प्रभावित 2850 मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रमुख सचिव स्वास्थ अरूण सिन्हा ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिये है।
  • अधिकारियों से कहा गया है कि वे स्थानीय निकायों से समन्वय स्थापित कर कीटनाशक दवाओं के छिड़काव पर जोर दें।

लखनऊः 11 दिनों के अंदर एक और दरोगा की डेंगू से हुई मौत

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