उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला स्थित बालिका गृह कांड में पुलिस ने गिरिजा त्रिपाठी की संस्था के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें पॉक्सो कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया। सदर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को एसआईटी के आदेश पर दोपहर बाद डॉ. योगेंद्र दुबे निवासी रामपुर दुबे रामपुर कारखाना, संजीव त्रिपाठी निवासी भटवलिया मोहल्ला, चंद्रहास निवासी रामगुलाम टोला और हयात अफरोज निवासी शुगर मिल के पास को रेलवे मालगोदाम परिसर से गिरफ्तार कर लिया।

सभी गिरिजा त्रिपाठी की संस्था मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सेवा संस्थान के कर्मचारी हैं। उनसे तीन से चार बार पूछताछ हो चुकी थी। एसआईटी का कहना है कि चारों हर घटनाक्रम में गिरिजा के सहयोगी रहे हैं। आदेश के बाद कोतवाल विजय नारायण प्रसाद सभी की तलाश में जुटे थे। मुखबिर से सूचना मिलने पर वह रेलवे मालगोदाम परिसर पहुंचे। वहां से सभी को गिरफ्तार कर कोतवाली लाया गया। एसआईटी ने कोतवाली पहुंचकर कागजी कार्रवाई की और सभी का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया। वहां से चारों को पॉक्सो कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

गौरतलब है कि कोतवाली पुलिस ने 5 अगस्त की रात में छापेमारी के दौरान संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, पति मोहन तिवारी के साथ ही बेटे प्रदीप त्रिपाठी और सलेमपुर वृद्धा आश्रम के प्रबंधक बृजेश पाण्डेय को भी हिरासत में लिया था। पति पत्नी को कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। वहीं पांच दिनों तक कोतवाली में रखने के बाद पुलिस ने प्रदीप और बृजेश को छोड़ दिया था।

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