विधानभवन में विस्फोटक मिलने का मामला अभी बहुत पुराना नहीं हुआ है, इसी बीच जालसाजी का एक नया मामला समाने आया है। विधान भवन से सहारनपुर के एक युवक को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। यहां के जालसाजों ने सहारनपुर निवासी एक व्यक्ति को सहकारिता के एक कथित संगठन में निदेशक बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। शिकायत मिलने पर सचिव सहकारिता अजय चौहान ने जांच कराई तो फर्जीवाड़े का राजफाश हो गया.

जालसाजो का बड़ा फर्जीवाड़ा:

केंद्र और राज्य सरकार सरकार के तमाम दावों के बाद भी सचिवालय में फर्जीवाड़ा जारी है। विधान भवन की सुरक्षा में भी सेंध लग रही है।विधानभवन में जालसाजी का एक नया मामला समाने आया है। जिसमें जालसाजों ने एक युवक को फर्जी राज्यमंत्री का दर्जा दिलवा दिया. सचिव सहकारिता अजय चौहान के जांच करवाने के बाद मामले का खुलासा हुआ.

चौहान ने कहा इस मामले में कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिये गए हैं। फर्जी सहकारी संघ बनाने वालों से लेकर इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।

Fraud became state minister in cooperative union got assembly pass

शासन के फर्जी पत्र के जरिये उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामोद्योगिक कृषि यंत्र एवं अनाज, दाल प्रशोधन आपूर्ति एवं विपणन संघ के निदेशक के रूप में सहारनपुर निवासी कुंवर अम्मार अहमद की नियुक्ति कर दी और उन्हें नियुक्ति पत्र के साथ ही परिचय पत्र और राज्यमंत्री का दर्जा देने का दस्तावेज उपलब्ध करा दिया.

फर्जी राज्यमंत्री अम्मार जब गृह जिले सहारनपुर में स्वागत सत्कार कराने पहुंचे तो भाजपा के नेता और कार्यकर्ता हतप्रभ रह गए। ऐसी किसी नियुक्ति या प्रस्ताव के बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं थी।

सहारनपुर के युवक को बनाया राज्यमंत्री: 

भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद शासन स्तर पर इस मामले की पड़ताल शुरू हो गई। सहकारिता विभाग के सचिव अजय चौहान ने बताया कि यह धोखा है और ऐसी कोई संस्था नहीं है। कल जब पता चला तो जांच कराई गई।
जांच में अम्मार के नाम जारी किया गया पास और अन्य दस्तावेज भी फर्जी पाया गया। फर्जी ढंग से सहकारिता विभाग, अनुभाग-दो के पत्र से निदेशक पद पर नियुक्ति का पत्र जारी किया गया था।

फर्जी दस्तावेजों के जरिये सरकारी सुविधाओं का उठाया फायदा:

सहकारिता विभाग की एक संस्था का फर्जी निदेशक बन एक शख्स बेहद शातिराना ढंग से सरकारी सुविधाओं और प्रोटोकॉल का लाभ ले रहा है। विधान भवन में भी उसका आना-जाना भी लगा रहता है।
इसके बाद भी इस विभाग के अधिकारी और विधानसभा की सुरक्षा में लगी एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सचिवालय प्रशासन के अधिकारियों ने यह भी बताया कि जो सचिवालय पास का क्रमांक नंबर 233 है। उस नंबर पर किसी दूसरे व्यक्ति को पास निर्गत किया गया है।

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ऐसे में यह फर्जी तरीके से बनाया गया है। सचिवालय प्रशासन के प्रमुख सचिव महेश कुमार गुप्ता ने भी कहा कि इस इस पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी कराएंगे।

फर्जी नियुक्ति पत्र के बल पर जालसाजी:

सहकारिता विभाग से संबंधित संस्था के निदेशक पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कराने वाला कुंवर अमर अहमद सहारनपुर का रहने वाला है। उसने जो फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कराया है उसमें जो पता है वह 120 चौक बड़ोदरा शेखपुरा कदीम जिला सहारनपुर दर्ज है।
शासनादेश में अम्मार मोहम्मद की नियुक्ति एक वर्ष तक होने का जिक्र किया गया है। शासनादेश में जिस उपसचिव वीके शुक्ला का हस्ताक्षर है, वह व्यक्ति विभाग में तैनात ही नहीं है। ऐसे में यह नियुक्त पत्र पूरी तरह से फर्जी है।
फर्जी निदेशक का सहारनपुर में पहली बार आगमन पर जोरदार स्वागत किया गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से भी प्रोटोकॉल का पालन किया गया।

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