विधानसभा में संदिग्ध पदार्थ के PETN होने की पुष्टि को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे. जाँच को लेकर चल रही बहस के बीच एक और खुलासे में सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया था जब संदिग्ध PETN (suspected petn) की जाँच को लेकर खुलासा हुआ था.
जिस किट से PETN की जाँच हुई थी, वो एक्सपायर्ड था, इसकी पुष्टि शासन ने अपनी रिपोर्ट में भी कर दी. रिपोर्ट में कहा गया था कि FSL हेड श्याम बिहारी उपाध्याय ने सरकार को गुमराह करने का काम किया. डीजीपी सुलखान सिंह ने श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. रिपोर्ट में विभागीय कार्रवाही करने की संस्तुति दी गई थी.
श्याम बिहारी उपाध्याय को किया गया निलंबित:
- विधानसभा में संदिग्ध पाउडर को PETN बताये जाने के मामले में FSL निदेशक श्याम बिहारी उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया है.
- वहीँ हितेश अवस्थी को पूरे मामले की जाँच के लिए अधिकारी नियुक्त किया गया है.
- PETN मामले में गुमराह करने का आरोप श्याम बिहारी उपाध्याय पर है.
- श्याम बिहारी उपाध्याय द्वारा अपने स्तर से कराई गई जाँच में पाउडर को PETN कहा गया.
- जबकि हैदराबाद FSL की रिपोर्ट ने इसे महज क्वार्टज़ बताया था.
- इसके बाद योगी सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी.
रिपोर्ट में निलंबन की मांग की गई थी:
- एक्सपायर हो चुके किट का प्रयोग करके उपाध्याय ने राज्य पुलिस के मुखिया और सूबे की सरकार को गुमराह किया.
- जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली किट मार्च 2016 में ही एक्सपायर हो चुकी थी.
- FSL डायरेक्टर भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें मामले की पूरी जानकारी थी.
एक्सपायरी डेट की किट से की गई थी पाउडर की जांच:
- विधानसभा में संदिग्ध पाउडर पाए जाने के बाद उसे जाँच के लिए भेज दिया गया था.
- लेकिन इस जाँच को लेकर तब सवाल उठे जब आगरा FSL के अनुसार संदिग्ध पदार्थ PETN नहीं था.
- आनन-फानन में इस खबर को नकारते हुए लखनऊ FSL की रिपोर्ट को सही बताया गया था.
- वहीँ लखनऊ FSL को लेकर भी सवाल उठे थे कि जो टीम जाँच में शामिल थी वो अनुभवहीन थी.
- वहीँ FSL चीफ के भ्रष्टाचार में शामिल होने की ख़बरें भी थी.
- इन सभी बातों की पुष्टि रिपोर्ट में हुई और इस आधार पर FSL हेड श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति दी गई थी.