काशी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती का नजारा आज कुछ खास रहा। आज होने वाली विशेष गंगा आरती विश्व के लगभग ३६ देशों से आये तीन सौ डेलिगेटस को समर्पित रही।

सारनाथ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध कनक्लेव में सिरकत करने 36 देशों के डेलीगेट्स आये हैं। इन विदेशी मेहमानों का स्वागत करने के लिए और काशी के परम्परा से रूबरू कराने के लिए आज की गंगा आरती को महाआरती का भव्य रुप दिया गया।

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गंगा आरती के वैभव को देख कर विदेशी मेहमान भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को नजदीक महसूस का सके। गंगा आरती की भव्यता को देख कर विदेशी मेहमान इसे कैमरे में कैद करने से अपने आप को नहीं रोक पाये। वो गंगा आरती की भव्यता देखकर भावविभोर हो गए थे।

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इस दौरान उन्होंने विश्व में फैले आतंकवाद पर चिंता जताई और कहा कि दुनिया भर में आजकल ये जहर फ़ैल रहा है। इस आतंकवाद और अशांती को कैसे दूर किया जाये बौद्ध कनकल्वे में चर्चा करेंगे। वे इस कनक्लेव के माध्यम से दुनिया भर में शांती का संदेश देना चाहते है।

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अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध कनक्लेव काशी में:

  • वैदिक और बौद्ध धर्म का जन्म इस काशी से ही हुआ है.
  • ऐसे में दुनिया भर के बौद्धि्स्ट और वैदिक धर्म को मानने वाले इस शहर में आये.
  • उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म के विचारों को जानने और समझने की जरुरत है.
  • शांति और सद्भाव का प्रतीक ये धर्म अपनी संस्कृति के लिए विख्यात है.
  • इस मंच पर आकर हमें विश्व में शांति कायम रखने का सन्देश देना है.
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