वाराणसी में हो रही लगातार बारिश  से गंगा व वरुणा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। गंगा खतरे के निशान के करीब आ चुकी है, यदि ऐसा हुआ तो 2013, 2016 जैसे बाढ़ की आशंका आने की सम्भावना है।

बड़े जलस्तर से लोगों ने समेटा अपना सामान:

वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है.

अगर यही रहा तो वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, में तट से सटे हजारो खेत व रिहायशी इलाके बाढ़ के चपेट में आजायेंगे।

बढ़ते जलस्तर से नगरों में स्तिथ नालियों के द्वारा गंगा का पानी धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा है।

वही गंगा का जलस्तर को बढ़ते देख सामनेघाट, नगवा क्षेत्र में स्तिथ लोग अपना सामान समेटने लगे हैं।

छतों पर जलाए जा रहे शमशानों के शव:

लगातर बढ़ते जलस्तर को देलहते हुए घाट का सम्पर्क टूट चुका है। वही शवो को छतों पर जलाया जा रहा है।

इस पर परेशानी बढ़ गयी है। वही शवो को जलाने के लिए लोगो को 2 से 3 घण्टे तक का इंतजार भी करने पढ़ रहे है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका घाट पर पानी भर आया है, पहले जहाँ मणिकर्णिका घाट पर  20 शवो को जलाया जाता था|

वही आज 10 शव जलाया जा रहा है। वही दूसरी तरफ हरिश्चंद्र घाट पर भी पानी भर आया है।

वहां भी पानी बढ़ जाने से ऊपर घाट के रास्ते पर ही शवो को जलाया जा रहा है।

वही दूसरी तरफ घाट पर स्तिथ शीतल मन्दिर का पट भी बंद बन्द कर दिया गया है।

गंगा आरती छतों पर किया रहा है। अस्सी घाट पर अन्य सभी घाट पर पूरा जलमग्न हो गया है।

इनपुट: विवेक पाण्डेय

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