राजनीति की दुकान चलाने वाले नेताओ के काले कारनामे जब जनता के सामने आ जाते है तो उनको मुह छुपाने को भी जगह नहीं मिलती है. और कही किसी अधिकारी ने इनके कारनामे उजागर कर दिये तो फिर क्या उस अधिकारी की शामत आ जाती है. ऐसा ही एक मामला जनपद गाजीपुर मे कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि का है. जिन पर कानुनगो और लेखपाल की जमकर पिटाई करने का आरोप था. जिलाधिकारी के निर्देश पर एक सप्ताह के बाद मुकदमा दर्ज हुआ जिससे इलाके में सनसनी मची हुई है.

जिलाधिकारी पर दबाव बनाने का था प्रयास

  • जैसा कि आम लोगो का कहना है कि नेता कि कोई जात नहीं होती. सभी नेता दल बदलू होते है.
  • मौका पड़ने पर किसी का भी साथ छोड़ दें है लेकिन उनकी हेकड़ी कम नहीं होनी चाहिए.
  • ऐसा हे कुछ मामला जनपद गाजीपुर मे हुआ. जब विधायक जिलाधिकारी का ही विरोध करने लगे.
  • हम बात कर रहे हैं हमेशा अपने कार्यो की बदौलत सुर्खिया बटोरने वाले कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की.
  • जिनके एक प्रतिनिधि ने जमीन की नापी करने गये कानुनगो और लेखपाल की पिटाई कर दी.
  • कानूनगो ने तत्काल ही इसकी जानकारी इलाके के जिलाधिकारी को दी.
  • इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर एक सप्ताह के बाद ही इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ.
  • इस दौरान मंत्री प्रतिनिधि अपनी रसुख के बल पर मुकदमा दर्ज ना हो इस जुगत मे जुडे रहे.
  • लेकिन मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद अब उनकी समझ मे नही आ रहा है की क्या करे.
  • दो दिन पूर्व जहां ग्रामीणो के साथ पहुच जिलाधिकारी पर दबाव बनाना चाहा.
  • दबाव बनता ना देख उन्होंने जिलाधिकारी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया.
  •  मंत्री प्रतिनिधि रामजी राजभर और जखनिया के विधायक त्रिवेणी राम अपनी गुहार पुलिस अधीक्षक से लगाने गये थे.
  • जिलाधिकारी से उन दोनो की ट्रांसफर की बात कही थी लेकिन उनकी बात को अनसुनी कर दिया.
  • क्योकी बात ये थी कि यह मुकदमा जिलाधिकारी ने ही दर्ज करवाया है.
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