भारत की सांस्कृतिक राजधानी कशी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. शायद ही कोई व्यक्ति हो जो काशी के घाट और बनारसी ठाठ से परिचित न हो. कशी में गंगा किनारे मौजूद हर घाट की अपनी एक कहानी है.अपनी निराली छटा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर काशी के घाट अब भी योग, आध्यात्म और धर्म का केंद्र बने हुए है. 2019 में काशी में 15वां प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित हो रहा है. इस आयोजन की तैयारियां जोरो पर है. इसी कड़ी में अब वाराणसी के घाट भी नए कलेवर में नजर आने वाले है.

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]नए कलेवर में नजर आयेंगे के गंगा किनारे के घाट [/penci_blockquote]

एक रंग में दिखेंगे सभी घाट:

प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों को लेकर अब विकास विभाग के कमर कास ली है. विभाग गंगा के किनारे मौजूद मकानों की लिस्ट तैयार कर रहा है. सभी मकानों को एक रंग में रंगा जायेगा. विभाग मकान के मालिक को मकान रंगने को कहेगा. अगर मालिक मकान नहीं रंगवाते तो विभाग ख़ुद ये काम करेगा.

रंग-रोगन का खर्च मालिक से वसूले का विभाग:

मकान माली के रंग-रोगन नहीं कराने पर वीडीए खुद ये काम करवाएगा. बाद में विभाग इसका पूरा खर्च मकान के मालिक से वसूलेगा. योजना के मुताबिक़ उन सभी घरों, लॉजों को लाल रंग में रंगा जायेगा जिनका फेस नदी की तरफ है. विभाग का लक्ष्य प्रवासी भारतीय दिवस से पूर्व इस काम को पूरा करने का है.

‘हेरिटेज लूक’ देना मुख्य उद्देश्य :

सभी मकानों को एक रंग में रंगने का मुख्य उद्देश्य घाटों को हेरिटेज लूक  देने का है. घाटों का यह हेरिटेज लूक नौका विहार के दौरान देखने को मिलेगा. इसके अलावा घाटों की सफ़ाई और लाइटें लगाने को लेकर नगर निगम ने भी कमर कस ली है.

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