उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद बिजली के बकाये को जमा कराने के लिये सरचार्ज माफ करने की योजना चलायी जिसका लाभ आम उपभोगताओं ने उठाते हुए अपना बकाया बिल जमा किया। वहीं जो लोग बिल नहीं जमा कर पाये विभाग उनसे वसूली के लिये अवैध कर्मियों को लगाकर जबरन कनेक्शन काटना और बिल जमा कराने के लिये डराने व जेल भेजने तक की धमकी दी गयी. वहीं दूसरी ओर सरकारी महकमा जिसपर दस बीस हजार नहीं बल्कि 20 करोड़ से उपर का बिजली का बिल बकाया है. लेकिन विभाग उनसे वसूली के लिये आजतक नोटिस तक जारी नहीं कर सका।

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ये है पूरा मामला-

  • उत्तर-प्रदेश में बिजली विभाग एक ऐसा विभाग है जिसकी जरूरत आम लोगों से लेकर खास तक को है।
  • इसके बावजूद यह विभाग हमेशा घाटे में रहता है।
  • इस घाटे से विभाग को निकालने के लिये सरकार ने सरचार्ज माफी की योजना चलायी.
  • जिसमें आमजन को छूट का लाभ मिला और विभाग को जनपद से करोड़ों का राजस्व बैठे बिठाये प्राप्त हुआ.

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  • लेकिन सरकारी महकमें के सरकारी विभागों में लगे कनेक्शन के बकाये बिजली बिलों का भुगतान अब तक नही हो पाया।
  • विभाग की मानें तो जनपद को 3 डिवीजन में बांटा गया है।
  • इन तीन डिवीजनों में नगरपालिका सिंचाई विभाग,जलकल,नलकूप,लघु डाल के बकाये बिल शासन स्तर पर एडजेस्ट हो जाता है।
  • वहीं जनपद के कुल 26 सरकारी विभागों में अबतक करीब 20 करोड़ से उपर का बिजली बिल बकाया है।

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  • इस बकाये के लिये बिजली विभाग ने अबतक कोई कार्यवाही नहीं की है।
  • जबकि आम उपभोक्ता का 5000 से उपर बिजली बिल बकाया होने पर विभाग के जेई व अन्य अधिकारी अपने चमचों को लेकर उपभोक्ता के घर पहुँच बिजली ही नहीं काटते बल्कि उसे जलील भी करते हैं।
  • मौका मिलते ही ये अधिकारी अपने चमचों के माध्यम से अवैध वसूली करते हैं।

किन विभागों पर कितना बकाया-

  • जनपद के सरकारी विभाग पर लाखों का बिजली का बिल बकाया है।
  • पुलिस विभाग 1.89 करोड़ का बिजली का बिल बकाया है।
  • माध्यमिक शिक्षा 31 लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • प्रशासनिक सुधार 5.3  लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • आरटीआई 1.89 करोड़ का बिजली का बिल बकाया है।
  • ग्राम विकास विभाग 56 लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • पशु चिकित्सा 17 लाख का बिजली का बिल बकाया है।

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  • सहकारिता 1.56 करोड़ का बिजली का बिल बकाया है।
  • चिकित्सा 3.13 करोड़ का बिजली का बिल बकाया है।
  • बेसिक शिक्षा 5 करोड़ से उपर का बिजली का बिल बकाया है।
  • न्याय विभाग,39 लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • जिला प्रशासन 52 लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • पीडब्लूडी 63 लाखका बिजली का बिल बकाया है।
  • उच्च शिक्षा 62 लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • रजिस्ट्री विभाग 39 लाख का बिजली का बिल बकाया है।
  • ये तमाम विभाग ऐसे हैं जो बड़े बकायेदार होने के बाद भी बिल नहीं जमा कर पाए हैं.
  • लेकिन यहाँ के कर्मचारी धड़ल्ले से एसी,पंखा और बिजली का मजा ले रहे हैं.
  • क्योंकि वे जानते हैं कि उनका बिजली काटने की हिम्मत विभाग नहीं कर पायेगा।

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  • इसी बिजली बकायादारों में स्वास्थ्य विभाग भी शामिल है जिसपर 3 करोड़ का बिल बकाया है।
  • इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी अपना ही राग अलापते नजर आये।
  • अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बकाये के लिये बिजली विभाग को ही दोषी बताया।
  • क्योंकि विभाग प्रतिमाह अगर बिल देता तो उस बजट के लिये वह शासन से उसकी माँग करते।
  • जिससे समय से बिल जमा होता।

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