प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में आम जन को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा और निःशुल्क दवा देने का दावा सभी सरकारें करती आ रही है. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में आए मरीजों व उनके तिमारदारों को अस्पताल से बाहर की दवा खरीदने की खबरे आती रही है.

  • लेकिन गाजीपुर के जिला अस्पताल में विभाग के डिफाल्टर व दवाओं के बड़ा बकायेदार होने के चलते अस्पताल में दवा की सप्लाई को कंपनियों ने बंद कर दिया है.
  • जिसके चलते अब अस्पताल प्रशासन भी मरीजों को जिला अस्पताल के बाहर बाजार से दवा लेने की सलाह दे रहा है.

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ये है पूरा मामला-

  • जनपद गाजीपुर में स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा पिछली सरकार करते करते चली गई.
  • लेकिन आम जन को आज तक स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाई.

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  • गाजीपुर का जिला अस्पताल जहां प्रतिदिन हजारों मरीज ओपीडी में इलाज कराने आते है.
  • जबकि तीन सौ मरीज हास्पिटल में भर्ती भी हैं.

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  • जिनका पूरा इलाज और दवा सरकार की तरफ से मुफ्त है.
  • बता दें कि इस जिला अस्पताल को एक फर्म दवा की सप्लाई देती है.

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  • लेकिन फार्म का करीब 90 लाख रूपए का बकाया जिला अस्पताल पर है.
  • जिसके चलते इस फर्म ने जिला अस्पताल को अब दवा देना बंद कर दिया है.

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  • ऐसे में अब अस्पताल दवाओं की भारी कमी हो गई है.
  • जिसके चलते दवा काउंटर पर पूरी दवा न देकर मरीजों को बाहर से दवा लाने को कहा जाता है.

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  • मरीजों ने भी स्वीकारा कि इलाज के दौरान उन्हें अस्पताल से पूरी दवा नहीं दी जा रही है.
  • जिसके चलते उन्हें ज़्यादातर दवा बाहर से भी लेनी पड़ रही है.

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  • इस मामले में हमले जिला अस्पताल के सीएमएस एस.एन प्रसाद से भी बात की.
  • उन्होंने भी माना कि बकाए के चलते टैबलेट फार्म में दवाओं की भारी कमी हो गई है.
  • जिसके चलते अस्पताल मरीजों को पूरी दवा नहीं दे पा रहा है.

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  • बता दें कि सीएमएस दवा की कमी के लिए जीएसटी को भी कुछ हद तक जिम्मेदार माना है.

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