उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार (innocent child dies) बनने पर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने बहुत दावे किए। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ, डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस सहित कई कामों पर रोक लगाने का दावा किया। लेकिन आज गाजीपुर में योगी के उन दावों की पोल खुली।

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  • जब एक सात साल के बच्चे जिसको बरसाती फोड़ा था।
  • जिसके इलाज के लिए गांव के एक झोला छाप डॉक्टर के पास गया।
  • जहां उसके इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की मौत हो गई।
  • वहीं जब परिजन उसे अस्पताल लाए तो इमरजेंसी डॉक्टर ने पुलिस कार्रवाई की बात कह उसको कोतवाली भेज दिया।
  • इस दौरान परिजन बच्चे को अपने कंधे पर लेकर कोतवाली, अस्पताल और मर्चरी के बीच घंटों दौड़ता रहा।
  • लेकिन अस्पताल प्रशासन ने मृतक को स्ट्रैचर देने की बजाय उसे कंधे पर घुमाते रहने के लिए छोड़ दिया।

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फिर नहीं काम आई एम्बुलेंस

  • जानकारी के मुताबिक, जिले के थाना करंडा के बक्सा गांव का रहने वाला आर्यन जिसकी उम्र करीब सात साल थी और उसे बरसाती फोड़ा हुआ था।
  • आज जब वह स्कूल से वापस आया तो उसके पिता राजेश ने गांव के पास ही एक डॉक्टर जिसका नाम प्रभु था उसके क्लिनिक पर ले गया।
  • जहां उसका डॉक्टर ने इलाज किया।
  • इस दौरान डॉक्टर ने बच्चे (innocent child dies) को इंजेक्शन लगाया और इंजेक्शन लगाते ही बच्चे के मुंह से झाग आने लगी और कुछ देर बाद ही बच्चे का शरीर ठंडा पड़ गया।
  • जिसके बाद परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए।
  • जहां इमरेजेंसी में तैनात डॉक्टर बी.राय ने पहले बिना देखे ही कोतवाली भेज दिया।
  • उसके बाद जब पुलिस बच्चे के परिजन के कंधे पर रखवा अस्पताल के मर्चरी तक पहुंची तो डॉक्टर फिर देखने के लिए वापस इमरजेंसी बुलाया और तब मृत घोषित किया।
  • इस दौरान इमरजेंसी के पास स्ट्रैचर भी पड़ा था।
  • बाहर 108 एंबुलेंस भी कई खड़े थे और शव वाहन भी अस्पताल परिसर में मौजूद थे।
  • लेकिन परिजन बच्चे के शव को कंधे पर रख कर कोतवाली से अस्पताल और अस्पताल से मर्चरी, मर्चरी से इमरेजेंसी घंटों दौड़ते रहे।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

  • परिजनों के द्वारा शव को कंधे पर रखकर घुमे जाने की बात की सच्चाई जब इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर से जानने की कोशिश की गई तो उसका डॉक्टर का टका सा जवाब रहा कि परिजनों ने स्ट्रैचर मांगा नहीं तो हम क्या करें?
  • वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गिरिश चन्द्र मौर्या अपने डॉक्टर को और जिला अस्पताल प्रशासन के इस अमानवीय व्यवहार से बचाते नजर आए।
  • लेकिन जब मृतक को कंधे पर लेकर घुमने वाला वीडियो दिखाया गया तब कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
  • वहीं इमरजेंसी के बाहर खड़े देख रहे पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुधीर यादव ने भी इस घटना को अमानवीय बताते हुए इसकी निंदा की।
  • हालांकि पुलिस अधीक्षक गाजीपुर सोमेन वर्मा ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ परिजनों के तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की कर्रवाई करने की बात कही।
  • वहीं इस (innocent child dies) मामले पर सीएमओ के साथ मिलकर उस झोलाछाप डॉक्टर के डिग्री की जांच कर उचित कार्रवाई करने की भी बात कही।

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