प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए विभागों में ई टेंडरिंग के माध्यम से टेंडरिंग प्रकिया शुरू की थी ताकि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार पर रोक लग सके। लेकिन एक कहावत है कि तू डाल-डाल तो मैं पात-पात के इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है गाजीपुर के पीडब्ल्यूडी विभाग। जिसमें तीन सड़कें का विशेष मरम्मत कराना था। जिसके लिए ई टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत विभाग के द्वारा टेंडर कराया गया। जिसमें एक सड़क का विज्ञापन में राशि 25 लाख दी गई और उसी सड़का का स्टीमेट 40 लाख का बनाया गया। इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाली बात है कि तीनों सड़कों के लिए मात्र एक ही फर्म को ई टेंडरिंग के माध्यम से काम मिला। जिसका खुलासा आज गाजीपुर सदर से भाजपा विधायक डॉक्टर संगीता बलवंत ने किया।

एक ही फर्म को दे दिया टेंडर:

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गाजीपुर के सदर विधानसभा की तीन सड़कें जिसमें एक सड़क नंदगंज-शादियाबाद है जिसकी लागत 23 लाख, दूसरी सड़क पहलवानपुर- से अगस्ता 25 लाख और तीसरी सड़क पियरी-चकेरी संपर्क मार्ग 25 लाख की लागत से विशेष मरम्मत के लिए दिसंबर 2017 में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया और उसके बाद ई टेंडरिंग कराया गया। इस ई टेंडरिंग में मात्र एक ही फर्म पराग इंटर प्राइजेज ने टेंडरिंग किया और इसी फर्म को ये काम मिल गया।

लागत से अधिक का बनाया गया स्टीमेट:

ये फर्म 23.33 फीसदी विभागीय दर से कम पर टेंडर डाला था और इसका बांड बनवाया गया। लेकिन विभाग के द्वारा खेल करते हुए स्टीमेट बनवाया तो नंदगंज-शादिया बाद की सड़क मरम्मत के लिए लागत विज्ञापन में 23 लाख था। लेकिन इस सड़क का स्टीमेट 40.59 लाख कर दिया। वहीं पहलवानपुर से अगस्ता मार्ग के लिए विज्ञापन में लागत 25 लाख थी उसका स्टीमेट 43.64 लाख कर दिया गया। इसके साथ ही पियरी-चेकेरी मार्ग की विज्ञापन में लागत 25 लाख थी उसका स्टीमेट 40.47 लाख कर दिया गया और पूरे स्टीमेट में कई जगहों पर कटिंग किया हुआ नजर आ रहा है। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि इन सड़क के विशेष मरम्मत में विभाग और फर्म की मिली भगत से खेल किया गया है। इन सभी पूरी बातों को आज सदर से बीजेपी विधायक डॉ.संगीता बलवंत ने एक प्रेसवार्ता के जरिए मामले का खुलासा करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ई टेंडरिंग लायी थी। लेकिन अधिकारी ई टेंडरिंग को भी मात दे कर सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे है।

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