शिक्षकों का काम वैसे तो अपने शिष्य को शिक्षा देना है लेकिन आज के बाजारवादी युग में शिक्षक अपने इस कत्र्तव्य से भटक गए हैं। फीस व कापी, किताब सहित डे्रस तक के लिए हजारों रुपए अभिभावकों से लेने वाले ये शिक्षक अपने अहम व गुमान के मद में इस कदर चूर हैं कि अब वह उपहार तक पाने के लिए अभिभावकों पर बोझ डालने से भी नहीं चूक रहे। लिहाजा एक तरह से अभिभावकों का चौतरफा शोषण किया जा रहा है।

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अभिभावकों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ

  • इसका ताजा उदाहरण गोमती नगर के विशाल खंड स्थित स्टडी हॉल स्कूल में मिला।
  • पढ़ाई के लिए चल रहे इस स्कूल में प्रधानाचार्या प्रतिमा श्रीवास्तव का जन्मदिन मनाया गया।
  • लेकिन ये जन्मदिन कोई आम जन्मदिन नहीं था। इस मौके पर सभी बच्चों से जबरन गिफ्ट मंगवाया गया।
  • इसके लिए पूर्व में ही सभी अभिभावकों को एसएमएस कर अनिवार्य रूप से इसे भेजने को कहा गया। प्रत्येक  बच्चे से फूलों का बुके और ग्रीटिंग कार्ड उपहार स्वरूप लाने को कहा गया था।
  • इसमें प्रत्येक अभिभावक के सैकड़ों रुपए खर्च हुए।
  • दिलचस्प यह कि स्कूल की प्रिसिंपल ने भी बेहद बेशर्मी के साथ इन बच्चों के हाथ से इन उपहारों को स्वीकार किया।
  • नाम न लिखे जाने की सूरत में यहां अपने बच्चे को पढ़ा रहे अभिभावक ने इसकी जानकारी  दी।
  • बताया कि स्कूल में पंजीकृत उनके मोबाइल नंबर पर स्कूल की ओर से एक एसएमएस भेजा गया।
  • जिसमें प्रिसिंपल के बर्थडे पर बुके व कार्ड लाने को कहा गया।
  • इसके अतिरिक्त, एसेंबली में उसे बच्चों द्वारा दिये जाने की बात भी लिखी गई।
  • इसके बाद रिमांडर के तौर यह एसएमएस दोबारा भी आया।
  • डरवश अभिभावकों ने दुकान से सैकड़ों रुपए खर्च कर बुके व कार्ड दिलवाया जिसे लेकर बच्चे स्कूल गए।

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आए दिन होता है ऐसा

  • बताया गया कि उक्त स्कूल में 40 के करीब प्रेप के बच्चों की पढ़ाई होती है।
  • लेकिन शिक्षा के नाम पर अभिभावकों पर आए दिन आर्थिक बोझ डाला जाता है।
  • इस वजह से हर माह उनके हजारों रुपए खर्च होते हैं।
  • अभिभावकों के अनुसार, किसी शिक्षक के जन्मदिन पर जबरदस्ती एसएमएस कर बच्चों से उपहार मंगाना, पढ़ाई का हिस्सा कैसे हो सकता है।
  • उन्होंने कहा कि हम रात दिन मेहनत कर रुपए जमा करते हैं जिन्हें फिजूल में खर्च करना दुखद है। इसके अतिरिक्त, ऐसा करके ये शिक्षक बच्चों को क्या ज्ञान देना चाहते हैं।
  • इस संबंध में पीआरओ दीपा श्रीवास्तव, मैथ्यू व अशोक सिंह के नंबरों पर संपर्क करने का प्रयास किया गया।
  • लेकिन किसी का फोन नहीं रिसीव हुआ।
  • पीआरओ को एसएमएस कर जवाब मांगा गया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल की ओर से किया गया यह कृत्य अफसोसजनक है।
  • अगर, अभिभावक की ओर से शिकायत आती है तो मामले की जांच करायी जाएगी।
  • इसके लिए को रेग्यूलेटरी बॉडी बनाना भी जरूरी है।

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