उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने पीछे दिनों सभी जिलों के कप्तानों को निर्देश दिए थे कि थाने पर आने वाले हर पीड़ित की सुनवाई की जाये। लेकिन राजधानी लखनऊ की इटौंजा पुलिस डीजीपी का फरमान हो या सीएम का निर्देश इसे कतई नहीं मानती। ये हम नहीं बल्कि थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले हुई एक छेड़छाड़ की घटना के बाद सामने निकल कर आ रहा है। पीड़ित युवती तीन दिनों से थाने के चक्कर काट रही है लेकिन पुलिस एफआईआर लिखकर कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित पक्ष पर सुलह करने का दबाव बना रही है। इतना ही नहीं पुलिस पीड़िता के पिता को फर्जी केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दे रही है। थाना स्तर पर कोई सुनवाई ना होने से पीड़िता ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

हाथ पकड़कर तालाब की तरफ ले जा रहा था आरोपी

जानकारी के मुताबिक, घटना इटौंजा इलाके के एक गांव की 15 मार्च 2018 की है। पीड़िता की मां द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, वह अपनी जवान बेटी के साथ सुबह शौच के लिए खेतों की तरफ जा रही थी। उसकी बेटी आगे निकल गई और वह पीछे रह गई। आरोप है कि गांव के ही रहने वाले घुटानी पुत्र रामप्रसाद धोबी ने बेटी को अकेला पाकर उसके साथ छेड़छाड़ की। इतना ही नहीं आरोपी उसकी बेटी को पकड़कर तालाब की तरफ ले जाने लगा। पीड़िता ने शोर मचाया तो उसकी मां दौड़कर गई तबतक आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गया।

जान से मरने की पीड़िता को मिल रही धमकी

पीड़िता का आरोप है कि उसने इस घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और आरोपी को पकड़कर थाने ले आई। आरोप है कि पुलिस ने तहरीर देने के बाद भी अभी तक मुकदमा पंजीकृत नहीं किया है। आरोपी उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है। पुलिस की धमकी और आरोपी की धमकी से दहशत में आया परिवार थाने तक जाने में डर रहा है।

पुलिस बना रही सुलह का दबाव, पिता को जेल भेजने की धमकी

पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई करने के बजाय सुलह का दबाव बना रही है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि इटौंजा थाने की पुलिस उसके पिता को फर्जी मुकदमें में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दे रही है। पुलिस की इस कार्यशैली से परेशान पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। अब देखने वाली बात होगी क्या लापरवाह पुलिस पीड़िता को न्याय देकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करती है या नहीं?

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस घटना के संबंध में जब इटौंजा थाना प्रभारी शिवशंकर सिंह से बात की गई तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते हुए कहा की ये घटना सौ फीसदी फर्जी है। उन्होंने कहा कि आपस में दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी लड़की छेड़छाड़ का आरोप फर्जी तरीके से लगा रही है। अब सवाल है कि अगर घटना फर्जी है तो पुलिस आरोपी पक्ष को तीन दिन से थाने में क्यों पकड़ कर बैठाये है? पुलिस पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाब क्यों बना रही है।

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