देश में महिलाओं को शिक्षित करने के लिये सरकार तरह तरह के योजना चलाकर शिक्षा का स्तर बढ़ाना चाहती है। लेकिन सरकार के इस मनसूबों को शिक्षा से जुड़े लोगों ने पूरा ना होने देने की कसम खाँ रखी है। कुछ इसी तरह अमेठी के जामो अहद के सरकार द्वारा वित्त पोषित इंटर कालेज के प्रशासन की धन उगाही के चक्कर मे एक छात्रा का हाई स्कूल का प्रवेश पत्र रोकर उसे परीक्षा से बंचित कर दिया गया है।

सुविधा शुल्क ना देने पर प्रवेश पत्र रोका

पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया के इस नारे का अमेठी मे दम घुटता नजर आ रहा है। हो भी क्यों ना जब शिक्षा के नाम पर खुलेआम धन उगाही का जरिया बना लिया जाये। चन्द्र रूपये के लिये किसी के भबिष्य की अहमियत ही ना रह जाये तो शिक्षा के पाबित्र शब्द की अहमियत घट जाती है और हाथ आती है तो सिर्फ निराशा। जिस तरह से अमेठी के जामो के अहद में बने विद्यालय जनता इंटर कालेज अहद की छात्रा दीपशिखा बिद्यालय द्वारा निर्धारित सुबिधा शुल्क ना दे पाने की स्थिति में होने के कारण विद्यालय प्रशासन के द्वारा उसका प्रबेश पत्र जारी नहीं किया गया है।

छात्रा की तबियत बिगड़ी

तो हुआ यूं कि छात्रा की एक साल की मेहनत पर पानी फेरने मे कोई कोर कसर नही छोड़ी। छात्रा के पास बची तो सिर्फ निराशा जब उसे कोई रास्ता नहीं दिखा तो अमेठी जिला अधिकारी के यहाँ शिकायत करने पहुँची। जिला अधिकारी की तरफ से आश्वासन दिया गया। लेकिन छात्रा की तब तबियत खराब हो रही है। बावजूद इसके की विद्यालय की बाबू नीलिमा सिंह पर कार्यवाई की माँग जरूर कर रही है और उसे इंतजार है कि दोषी बाबू पर कार्यवाई कब होगी।

दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास

छात्रा के पिता राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि मामला बढ़ता देखा तो प्रशासन कल रात को उस विद्यालय मे पहुँचकर पीड़ित परिवार के लोगों को उस विद्यालय मे बुलाकर उन पर दबाव बनाकर रफादफा करने का दबाव बनाया गया। जब इतने से मन नही भरा तो छात्रा से जबरजस्ती हस्ताक्षर कराकर उसका प्रवेश पत्र उसे थमा दिया गया।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एनएल गुप्ता के जवाब से ऐसा लगा कि कानून का दम ही घुट रहा है। लगे भी क्यू ना सभी अधिकारियों के पास सिर्फ उसी पुराने रटे रटाये जवाब के अलावा कुछ बचता ही नहीं कि जाँच की जा रही है कार्रवाई की जायेगी।

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