लखनऊ/गोरखपुर. गोरखपुर स्‍थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई भर्ती मरीज बच्‍चों की मौत में डीएम की रिपोर्ट मील का पत्‍थर साबित हो रही है. दरअसल, डीएम ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि बच्‍चों की मौतों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्‍पा सेल्‍स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश की लापरवाही सबसे बड़ा कारण हैं. साथ ही, डीएम ने अपनी रिपोर्ट(gorakhpur DM report) में ऑक्सीजन सप्लाई में वित्तीय अनियमितता की बात का भी जिक्र किया है. इस जांच रिपोर्ट को मुख्य सचिव की जांच में शामिल किया गया है. अंत में डीएम की जांच रिपोर्ट में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है. UttarPradesh.Org ने दो दिन पहले ही अपनी खबर में DM की इस रिपोर्ट का खुलासा कर दिया था.

गोरखपुर डीएम ने सौंपी रिपोर्ट(gorakhpur DM report):

  • गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में चंद घंटों के भीतर कई बच्चों की मौत मामले में स्थानीय डीएम की जांच रिपोर्ट आ गई है.
  • जांच रिपोर्ट में बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को मुख्य आरोपी ठहराया गया है.
  • कहा गया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने के पीछे सबसे ज्यादा लापरवाही आरके मिश्रा की ओर से हुई है.
  • रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्तीय गड़बड़ी के चलते अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हुई.
  • रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की खरीद में कमीशखोरी हो रही थी.

  • वहीं, डीएम की रिपोर्ट में एनेस्‍थीसिया के प्रमुख ऑक्सीजन सप्लाई प्रभारी डॉक्टर सतीश को ड्यूटी निभाने में लापरवाही बरतने का दोषी बताया गया है.
  • डीएम की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के बार-बार बिल भेजने के बाद भी कोई भुगतान न करना भी एक बड़ा कारण है.
  • वहीं, रिपोर्ट में पुष्मा सेल्स के बारे में कहा गया है कि ऑक्सीजन एक जीवन रक्षक गैस है. मेडिकल से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि जीवन रक्षक गैस की सप्लाई बंद न हो.
  • वहीं, डॉ. कफील खान को डीएम की जांच रिपोर्ट में क्लीनचिट दी गई है.

ये भी पढ़ें: खुलासा : BRD कांड में योगी सरकार ने छुपाए कई सच…

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें