गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के साख का सवाल बन गया है. उपचुनाव में इन सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी अपनी मजबूत दावेदारी 2019 लोकसभा चुनाव में पेश करना चाहेगी. वहीँ विपक्ष दल सपा और कांग्रेस भी इन सीटों पर जीत की आस लगाये बैठे हैं, लेकिन अखिलेश यादव की विपक्ष को लामबंद करने की कोशिशों को झटका लगा और सभी ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए.

फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में राजनीतिक दलों ने लगाया जोर

यूपी मे दो लोकसभा सीट पर 11 मार्च को मतदान किया जाएगा. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने की वजह से गोरखपुर और फूलपुर में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. कांग्रेस बीजेपी और समाजवादी पार्टी मैदान में हैं. बीएसपी के दूरी बनाये रखने के कारण यहाँ लड़ाई और दिलचस्प होती दिखाई दे रही है.

समाजवादी पार्टी को लगा झटका

समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के चयन से बीजेपी सकते में थी लेकिन पार्टी का खेल दोनों जगह बिगड़ता दिखाई दे रहा है. गोरखपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार से समाजवादी पार्टी को नुकसान हो सकता है. कांग्रेस की उम्मीदवार सुरहिता करीम जानी मानी डॉक्टर हैं. 2012 में बीजेपी के मेयर उम्मीदवार को जबरदस्त टक्कर भी दे चुकी हैं. माना जा रहा है सुरहिता करीम समाजवादी पार्टी के वोट में सेंध लगा सकती हैं.

कांग्रेस के मैदान में आने से बिगड़ा सपा का खेल

गोरखपुर में बीजेपी ने उपेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा है. अंतिम समय में बीजेपी ने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की. पार्टी ने उपेंद्र शुक्ला की उम्मीदवारी से ब्राह्मण वोट को साधने की कोशिश की तो वहीं फूलपुर में बीजेपी ने कुर्मी उम्मदीवार उतारा जिसके जवाब में एसपी ने सजातीय नागेंद्र पटेल को मैदान में उतारा. कांग्रेस के ब्राह्मण उम्मीदवार से बीजेपी को और नुकसान हो सकता था लेकिन अतीक अहमद के आने से समाजवादी पार्टी का राजनीतिक गणित गड़बड़ हो गया है.

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अतीक के मैदान में आने से सपा का खेमा नाराज

अतीक अहमद के इस सीट से चुनाव लड़ने से सीधे पर सपा को नुकसान के तौर पर ही देखा जा रहा है. हालाँकि तमाम समीकरणों से इतर वोटिंग के दिन तक कौन हारेगा और कौन जीतेगा इसके केवल दावे ही किये जा सकते हैं लेकिन रणनीति बनाने में जुटी सपा के लिए अतीक का मैदान में आना एक झटका जरुर कहा जा सकता है. सपा का खेमा अतीक से नाराज बताया जा रहा है. जाहिर तौर पर सपा को अतीक के मैदान में आने की उम्मीद नहीं होगी लेकिन सपा को अपनी रणनीति में बदलाव और अतीक के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए अब अधिक जोर लगाना पड़ेगा.

सीएम और डिप्टी सीएम की साख दांव पर

सीएम योगी की गोरखपुर में और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद की साख फूलपुर में दांव पर लगी है. तमाम जातीय समीकरणों को आधार बनाकर रणनीति बनाने में जुटी पार्टियाँ हर पल अन्य दलों के कैम्पेन पर नजर जमाये हुए हैं. हालाँकि अभी तक बीजेपी के स्टार प्रचारक और सीएम योगी सीधे तौर पर प्रचार में शामिल नहीं हुए हैं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मथुरा में होली मनाने के बाद बीजेपी पूरी ताकत के साथ प्रचार में जुटेगी.

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योगी आदित्यनाथ ने छोड़ी थी गोरखपुर की सीट:

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था. लगातार 5 बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ का दबदबा इस सीट पर हमेशा से रहा है तो सीएम बनने के बाद पार्टी इस सीट को गंवाने का दंश नहीं झेलना चाहेगी. फूलपुर में भी केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ी जीत दर्ज की थी और यूपी विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले केशव प्रसाद की साख इस सीट से जुड़ी है.

विपक्ष बीजेपी को झटका देने की कोशिश में:

विपक्षी दल सपा और कांग्रेस इन दोनों सीटों पर बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं और अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. इन दोनों सीटों पर बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश हो रही है. विपक्ष कानून-व्यवस्था, मुठभेड़ और महंगाई के मुद्दे पर जोर-शोर से प्रचार करता दिखाई दे रहा है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी विपक्ष के हमलों का जवाब किस प्रकार देती है.

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