उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का साढे़ तीन साल का कार्यकाल एक बेहतर उत्तर प्रदेश का चित्र उभारने में बीता। जनवरी 2018 तक बीते साढ़े तीन साल में उन्होंने स्वयं को केन्द्र के प्रतिनिधि के साथ ही साथ राज्य की ‘जनता का अपना राज्यपाल’ के रूप में स्थापित किया है। इस दौरान उन्होंने भेंट और मुलाकातों, राज्य के जनपदों में भ्रमण के माध्यम से जनता से संवाद बढ़ाने का अभूतपूर्व कार्य कर अपने को सिद्ध किया है।

राज्यपाल ने 22 जुलाई, 2014 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद से राज्य की जनता के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलने जुलने की जो परम्परा शुरू की उसे आगे बढ़ाते हुये अब तक लगभग 22 हजार लोगों से भेंट कर उत्तर प्रदेश के साथ अपने संबंधों को अत्यंत अपनत्व भरा बनाया है। मराठी भाषी होते हुये भी उन्होंने हिन्दी भाषी जनता के साथ संवाद को न केवल बढ़ाया बल्कि हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश की पहचान (ब्रांडिंग) में भी भरपूर योगदान देकर लोगों के बीच एक विशेष स्थान बनाया है।

यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख केन्द्र रहा है, लेकिन आजादी के बाद स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अतिरिक्त आजादी के लड़ाई के अन्य प्रस्थान बिन्दुओं पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता रहा है। राज्यपाल राम नाईक ने राज्य की इस कमी को दूर करते हुये राज्य सरकार को ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा’ की लखनऊ कांग्रेस में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा की गयी सिंहगर्जना को एक आयोजन के रूप में मनाये जाने की प्रेरणा दी और पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित रहकर उत्तर प्रदेश के साथ अपने संबंधों को एक नया आयाम दिया।

इन्वेस्टर्स समिट के जरिये पूरे देश और विदेशों में उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग के लिये कार्यरत राज्य सरकार के प्रयासों को एक नई दिशा देते हुये राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन की प्रेरणा सरकार को दी और गत 24 से 26 जनवरी तक उसका भव्य आयोजन सुनिश्चित करा कर उत्तर प्रदेश के लोगों की बेहतरी को एक नई दिशा भी प्रदान की।

जनता से संवाद लोकतंत्र की मौलिक आवश्यकता है जिसे राज्यपाल ने निरन्तर बनाये रखा है। राज्यपाल ने जनसंख्या एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से विशाल उत्तर प्रदेश में सैकड़ों सार्वजनिक कार्यक्रमों में अब तक प्रतिभाग किया है। अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में राज्यपाल ने राजभवन में 21,581 लोगों से मुलाकात की और इसमें पिछले छः माह की 3,337 मुलाकातें शामिल हैं जो कि चौथे वर्ष की 50 प्रतिशत अवधि समाप्त होने पर प्रथम वर्ष की कुल मुलाकातों का 57.43 प्रतिशत है।

राज्यपाल से मुलाकात करने वालों का सिलसिला लगातार बढ़ता रहा है। इससे पूर्व शायद ही किसी राज्यपाल ने आमजन से व्यक्तिगत रूप से इतनी मुलाकातें की होंगी। राज्यपाल अपने अब तक के कार्यकाल में राजभवन और लखनऊ में आयोजित 766 कार्यक्रमों में शामिल हुए, जिसमें 113 कार्यक्रम पिछले 6 माह की अवधि में आयोजित हुए है जो प्रथम वर्ष की कार्यक्रमों का 56.78 प्रतिशत है। राज्यपाल नाईक ने लखनऊ के बाहर 480 कार्यक्रमों में शिरकत की, जिसमें 87 कार्यक्रम पिछले 6 माह की अवधि के हैं जो प्रथम वर्ष के कुल कार्यक्रमों के सापेक्ष 60.83 प्रतिशत है।

राम नाईक द्वारा अपने क्रियाकलापों की जानकारी जवाबदेही एवं पारदर्शिता के मद्देनजर जनता को प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से प्रदान की गयी। राज्यपाल के अब तक के कार्यकाल में कुल 1,572 प्रेस विज्ञप्तियाँ जारी हुई जिनमें 250 विज्ञप्तियाँ पिछले 6 माह की अवधि में जारी हुई हैं जो कि प्रथम वर्ष में जारी कुल विज्ञप्तियों का 67.93 प्रतिशत है।

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