लखनऊ : एक बार फिर उत्त्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और सपा सरकार आमने-सामने है। सपा सरकार ने कुछ बिल भेजे थे राज्यपाल के पास जिसमें में एक बिल को पास करने के अलावा बाकी बिल को राज्यपाल ने रोक दिया था।

सपा सरकार राज्यपाल के इस रूख से बौखला उठी है और राज्यपाल के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया है और कहा है कि राज्यपाल राम नाईक ने बिल रोकने का कोई कारण नहीं बताया है।

बताया जा रहा है कि पिछले दिनों सपा सरकार के मंत्री आजम खान ने राम नाईक पर निशाना साधा था जिसके बाद से ही राज्यपाल नाराज हैं और बिल रोकने को इसकी प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है।

इस बीच अखिलेश यादव ने राज्यपाल से मिलकर नाराजगी कम करने की कोशिश की।

लंबे समय से लंबित विधेयक

  • यूपी अल्पसंख्यक आयोग (संशोधन) विधेयक 2015
  • यूपी नगर निगम निगम (संशोधन) विधेयक 2015
  • इसके अलावा 5 अन्य विधेयक राजभवन में लंबित हैं।

राज्यपाल और सपा सरकार के बीच ये खींचतान पहले से ही चली आ रही है और एमएलसी मामले में भी राज्य सरकार की राज्यपाल से बहस हुई थी।

हालांकि बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को विधेयक की खामियों से अवगत करा दिया था।

बता दें कि सपा सरकार के मंत्री रामगोपाल यादव और आजम खान ने भी विधानसभा में विधेयक लंबित होने के मुद्दे को उठाया था और राज्यपाल पर तीखे हमले किये थे।

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