उत्तर प्रदेश के कासगंज जिला में हिंसा के दौरान चंदन की मौत के बाद रविवार को तीसरे दिन भी छिटपुट घटनाओं का दौर जारी रहा. कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं हुई. कुछ बंद पड़ी कुछ दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, कहीं पुलिस ने सब्जी खरीद रहे लोगों को पीटा. हालांकि चंदन की हत्या का आरोपी शकील अभी भी फरार है, जबकि उसके घर से तलाशी के दौरान पुलिस ने देशी बम और पिस्टल बरामद की है. पुलिस लगातार सघन तलाशी अभियान चलाकर दोषियों को पकड़ने की कोशिश में जुटी हुई है. वहीँ इस हिंसा के पीछे साजिश के अंदेशे ने अफसरों की नींद उड़ा दी है.

राज्यपाल ने दिया बड़ा बयान:

कासगंज हिंसा को लेकर प्रदेश में बयानों का दौर जारी है. इसी बीच राज्यपाल राम नाईक ने भी इस हिंसा पर दुःख व्यक्त किया है और कहा कि तिरंगा यात्रा के नाम पर हिंसा शर्मनाक है. कासगंज हिंसा में उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे योगी सरकार और इस प्रकार की हिंसा की पुनरावृत्ति सरकार रोके. उन्होंने कहा कि सरकार हिंसक वारदातों के खिलाफ सख्ती से पेश आये.

ख़ुफ़िया एजेंसियों को साजिश का अंदेशा:

कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भड़की हिंसा के पीछे साजिश के संकेत मिल रहे हैं और इस संकेत ने अफसरों की नींद उड़ा दी है. माना जा रहा है कि अफसरों की लापरवाही पर सरकार सख्त कदम उठा सकती है, वहीँ चौथे दिन भी जिले में कानून-व्यवस्था कायम करना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक शासन को भेजी रिपोर्ट में कुछ नेताओं के नाम शामिल हैं जबकि चन्दन की हत्या के आरोपी शकील के अलावा शूटर वसीम का नाम भी सामने आया है. हिंसा के लिए जिम्मेवार आरोपियों की पृष्ठभूमि खंगाली जा रही है और तार जोड़ने की कोशिश की जा रही है कि आखिर इसके लिए कब से और ऐसे तैयारी की जा रही थी.

अचानक हथियार और पेट्रोल बम मौके पर कैसे पहुंचे

कासगंज में फैली हिंसा को लेकर भाजपा और हिंदू संगठन बार-बार कह रहे हैं कि सुनियोजित तरीके से उपद्रव किया गया. स्थानीय सांसद राजवीर सिंह भी यह बयान जारी कर चुके हैं. प्रशासन से कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि पथराव में प्रयोग किए गए रेलवे लाइन के पत्थर उपद्रवियों के घरों तक कैसे पहुंच गए. तेजाब से भरी बोतलें, हथियारों का जखीरा होने जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं.

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