यशभारती पुरस्कार को खत्म कर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर संस्कृति पुरस्कार देगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य करने वाले व्यक्तियों को योगी सरकार संस्कृति पुरस्कार से सम्मानित करेगी।
समाजवादी सरकार के यश भारती पुरस्कार को समाप्त करने के बाद संस्कृति विभाग ने इसकी अभ्युपगम शुरू की है।
बजट 2021 के लिए इस पुरस्कार का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है।

पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी ने फरवरी में इस पुरस्कार की घोषणा की थी।
विभाग ने 25 विभूतियों को पुरस्कार देने का प्रस्ताव तैयार किया है।
पहला पुरस्कार पांच लाख रुपये पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर देने का प्रस्ताव है।
शेष 24 पुरस्कार में दो- दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

सपा सरकार में यश भारती पुरस्कार में 11-11 लाख रुपये दिए जाते थे।
50 हजार रुपये महीने पेंशन भी दी जाती थी।
योगी सरकार ने यश भारती पेंशन बंद कर दिया था। बाद में इसे घटाकर 25 हजार रुपये महीने कर दिया।

पिछले दिनों एक आयोजन में अखिलेश यादव ने कहा था कि सपा सरकार ने खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार व श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मान राशि के साथ ही यशभारती पुरस्कार देने की व्यवस्था की थी।
इसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया।
प्रदेश में सपा सरकार आने पर ये पुरस्कार व सम्मान फिर से दिए जाएंगे।
सपा की सरकार बनेगी या नहीं ये तो 2022 के चुनाव में ही पता चलेगा लेकिन इन पुरस्कारों के देने पर सपा सरकार के दौरान ही सवाल उठे थे।

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