सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगना एक युवक को इतना भारी पड़ गया कि उसे महिला ग्राम प्रधान व् उनके पति ने मिलकर सूचना मांगने वाले युवक को फर्जी मुकदमे में फँसाये जाने व जान से मरवा देने की धमकी दे डाली। इसकी शिकायत जब पीड़ित ने पुलिस से की तो पुलिस द्वारा कायर्वाही करने के बजाय हल्का दरोगा ने भी पीड़ित को धमकाकर थाने बैरंग वापस भेज दिया। अब पीड़ित ने क्षेत्राधिकारी को प्राथनापत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है।

पीड़ित शशिकांत रावत पुत्र अयोध्या प्रसाद निवासी ग्राम पंचायत दतली मजरा अटौरा कोतवाली मलिहाबाद लखनऊ ने बताया कि लगभग 3 माह पूर्व शशिकांत ने अपनी ग्राम पंचायत दतली से सम्बंधित कुछ सूचनाएं सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी थी। निश्चित समय अवधि बीत जाने पर जब कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई तो नियमानुसार पीड़ित ने अपील की। इसकी जानकारी होने पर गत बीते 25 अक्टूबर को ग्राम प्रधान चंद्रकांती अपने पति दिनेश कुमार के साथ सुबह सुबह शशिकांत के घर जा धमकी और गन्दी गन्दी गालियां देते हुए दिनेश कुमार ने कहा कि तुम्हे हमारी पहुँच का अंदाजा नहीं है।

ग्राम पंचायत की सूचनाएं मांगने की तुम्हारी हिम्मत कैसे पड़ गयी। अगर आगे कार्यवाही की तो हम तुम्हें जान से मरवा देंगे। वहीँ ग्राम प्रधान चंद्रकांती ने धमकाते हुए कहा तुम्हारे ऊपर इतने फर्जी मुक़दमे लिखवा देेंगे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि तुम्हारी पूरी जिंदगी जेल में ही बीतेगी और नेता गिरी भूल जाओगे। शशिकांत ने इसकी शिकायत मलिहाबाद कोतवाली पर की कई दिन बीत जाने के बावजूद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़ित फिर कोतवाली पहुंचा। यहाँ पर पीड़ित के हल्का इंचार्ज एसआई नजर बेग ने पीड़ित को धमकाते हुए कहा कि तुमने ग्राम पंचायत की सूचना क्यों मांगी अब सूचना मांगी है तो अंजाम भुगतने को तैयार हो जाओ और थाने से बैरंग वापस कर दिया। पीड़ित ने क्षेत्राधिकारी मलिहाबाद को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।

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