मुजफ्फरनगर में लाखों कांवरिया  इस समय कांवड़ के साथ शिवालयों की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि शिवरात्रि आने में समय है लेकिन मुजफ्फरनगर से लगातार लाखों की संख्या में कांवड़िए गुजर रहे हैं और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कावड़ यात्रा को देखने के लिए दिन रात लोगों की भीड़ सड़कों पर रहती है। क्योंकि एक  से बढ कर एक कांवड़ आ रही है। इन कावड़ो में एक कांवड़ ऐसी भी आई है जिसमे 6 कबूतर भगवान् भोलेनाथ  का गुण गान करते नजर आये।

हजारों कावड़ो में से एक कांवड़ ऐसा भी: 

कावड़ यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस समय अपने पूरे  यौवन पर है और इस धार्मिक कावड़ यात्रा में संगीत की धुनों के साथ भोले भंडारी के भक्त मदमस्त होकर सड़कों पर नाचते गाते बढ़ रहे हैं। हर तरफ भोले की मस्ती है।  वही कावड़ यात्रा में कावड़िए अपने  पालतू पशु पक्षियों को भी साथ लाए हैं। इस बार एक कावड़ ऐसी भी मिली जिसमें कई पालतू कबूतर बकायदा हरिद्वार से कांवड़ के साथ आये। पालतू कबूतर के स्वामी गौरव ने बताया कि वह इससे पहले भी अपने कबूतरों के साथ अमरनाथ व हरिद्वार की यात्रा करा चुके हैं और अपने  साथ कावड़ यात्रा करने के साथ ही उन्हें अपने घर के पालतू कबूतरों के साथ भी यात्रा कराने में एक सुखद अनुभव होता है।

मुजफ्फरनगर से आज  गुजरी कावड़ यात्रा को अनोखी कांवड़ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति ना होगी क्योंकि इसमें 6 कबूतरों के साथ नंदी महाराज  शंकर भगवान की तस्वीर है जब शिव चैक पर लोगों ने  इसे देखा तो लोग चिल्ला पड़े ओर बोले अरे देखो इसमें तो कबूतर भी भगवान शिव का गुणगान कर जल ला रहे हैं।

पालतू कबूतरों को देखने के लिए उमड़ी भीड़:

पालतू कबूतर के साथ आ रही इस कावड को देखने के लिए वहां भीड़ लग गई और लोगों ने इस कावड़ के संचालक गौरव कुमार से बातचीत की। कुमार ने बताया कि वह दिल्ली के निवासी हैं और उन्हें कबूतर पालने का शौक है उन्होंने सोचा कि उनके बगैर कबूतर घर पर अकेले रहेंगे। क्योंकि उन्हें कावड़ लेने जाना था और पहले भी कहीं कावड़ यात्रा करते रहे। इसलिए वह अपने साथ इस बार अपने 6 कबूतरों को भी अपनी कावड़ के साथ लेकर आए उन्होंने बताया कि जब से हरिद्वार से कावड़ उठाई, तभी से कबूतर उनकी कावड़ के  साथ चल रहे हैं और पूरी श्रद्धा के साथ कावड़ में कबूतर अपना सहयोग दे रहे हैं ।

पहले भी कर चुके हैं कबूतरों के साथ यात्रा:

कबूतर को जहां बैठाया जाता है वह वहीं बैठ जाते हैं और वह लगातार नंदी महाराज के पास ही बैठे रहते हैं इससे उन्हें खुशी होती है। उन्होंने बताया कि उससे पहले कबूतरों के साथ व हरिद्वार व अन्य  जगह की यात्रा कर चुके हैं।

यात्रा में  उनको कबूतरो का लाना अच्छा लगा  और उनका मानना है कि शिव के प्रति उनकी श्रद्धा में कबूतर और वृद्धि कर रहे हैं। क्योंकि कबूतर भी उनकी भक्ति के साथ शिव बाबा को नमन कर रहे हैं। आप को बता दें कि कावड़ यात्रा में इस समय बुजुर्ग महिला ,पुरुष विकलांग लोग के साथ साथ लोग अपने पालतू पशु पक्षी भी लेकर चल रहे हैं। यहां कई कावड़ यात्रियों के साथ पालतू कुत्ते, बिल्लियां, सांप, अजगर आदि देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही तोता, मैना ,बंदर आदि की कावड़ इस बार आ रही है। कावड़ यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस समय अपने पूरे  यौवन पर है और इस धार्मिक कावड़ यात्रा में संगीत की धुनों के साथ भोले भंडारी के भक्त मदमस्त होकर सड़कों पर नाचते गाते बढ़ रहे हैं।

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