उत्तर प्रदेश पुलिस की गुंडागर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है। वर्दीधारी आये दिन किसी ना किसी को पीटकर महकमें की छवि को धूमिल कर रहे हैं। ऐसा ही मामला एक राजधानी के बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र में प्रकाश में आया है। यहां एक सिपाही ने एक ऑटो चालक को सड़क पर गिरा कर बेरहमी से डंडों से पीटा। पीड़ित सिपाही के आगे हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा लेकिन वह उसका दिल नहीं पसीजा और वह उसकी बेरहमी से धुनाई करता रहा। पास में चाय की दुकान पर खड़े कुछ लोगों ने जब उसका वीडियो बनाया तो सिपाही उन्हें भी धमकाने लगा। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला विभाग से जुड़ा होने के कारण मामले को रफा दफा करा दिया।

हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा युवक

जानकारी के मुताबिक, मामला बख्शी का तालाब थाना मोड़ के पास का है। यहां सोमवार शाम करीब 4:45 बजे एक सिपाही राजधानी लखनऊ आ रहा था। सिपाही ने बताया कि वह अपने निजी काम से सीतापुर गया था वहां से वापस आ रहा था। सिपाही अपनी Alto कार (UP 57 AF 1773) से वापस आ रहा था। उसने ऑटो चालक को बुरी तरह से पीटना शुरु कर दिया। ऑटो चालक का सिर्फ कसूर इतना था कि उसने सिपाही की कार के आगे अपना ऑटो निकाल दिया। यह बात सिपाही को नागवार गुजरी और उसने ऑटो के आगे निकालकर रुकने का इशारा किया।

[foogallery id=”169604″]

सिपाही ने गाड़ी में रखा डंडा निकाला ताबड़तोड़ वार कर ऑटो चालक को पीटने लगा। ऑटो चालक हाथ जोड़कर सिपाही के आगे मिन्नतें करता रहा लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। जब वहां खड़े कुछ लोगों ने पिटाई का यह वीडियो बनाया तो सिपाही ने उनको भी धमकी दी। सिपाही ने धमकाते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा निलंबित करवा दोगे इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा। सिपाही का कहना था कि उसकी गाड़ी के आगे अचानक ऑटो रविंद्र आ गया इसके चलते उसकी गाड़ी पलटने से बची। लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने इस आरोप को ख़ारिज करते हुए गलती सिपाही की बताई।

आधे घंटे तक जाम रहा नेशनल हाइवे

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सिपाही की करतूत के चलते लखनऊ-सीतापुर राजमार्ग पर करीब आधे घंटे तक जाम लग गया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला एक सिपाही से जुड़ा होने के कारण रफा-दफा कर दिया। हालांकि सिपाही अपना नाम गंगेश्वर भारती बता रहा था और अपनी तैनाती जीआरपी में बता रहा था। जब इस संबंध में चारबाग जीआरपी थाना प्रभारी रिजवान खान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई पुराने सिपाहियों को भी फोटो दिखाई गई लेकिन ये सिपाही जीआरपी में तैनात नहीं है। अब सवाल उठता है कि सिपाही ने खुद को बचाने के लिए झूठ बोला। सिपाही कहां तैनात है ये तो फोटो से पहचान हो ही जायेगी। देखने वाली बात ये होगी कि इस सिपाही पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

[foogallery id=”169584″]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें