आज जीएसटी व्यवस्था लागू हुए एक साल हो गया हैं. बीते एक साल में जीएसटी के क्रियांवयन में कई कमियां दिखी. साथ ही कई बदलावों की मांग उठी. बहरहाल सालभर में कई बार वस्तुओं और सेवाओं के जीएसटी स्लैब में फेरबदल भी किये गये. इसी बाबत कुछ नये और बड़े बदलाव जल्द हो सकते हैं.

भारत में ठीक एक साल पहले 30 जून की मध्य रात्रि से केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी की शुरुआत का एलान किया था. इसे नाम दिया गया ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’. एक देश एक कर व्यवस्था प्रणाली पर शुरू हुए जीएसटी का आज एक साल पूरा हो गया है. जहाँ पूरे देश में भाजपा आज ‘जीएसटी डे’ मना रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रदेश में जीएसटी के एक साल पूरे होने पर उपलब्धि गिनवा रहे हैं.

जीएसटी में 4 बड़े बदलाव:

एक साल में जीएसटी में कई बड़े बदलाव होने की संभावना हैं. इनमें कई वस्तुओं के स्लैब कम होने के साथ रिटर्न को और आसान किया जायेगा.

-28% से घटकर 18% हो सकता है कुछ वस्तुओं पर कर:

28% की दर से 50 वस्तुओं पर जीएसटी है। सीमेंट, पेंट, डिजिटल कैमरे सहित करीब एक दर्जन वस्तुओं पर 10% टैक्स दर कम हो सकती है।

पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत 176 वस्तुओं पर 28% जीएसटी को घटाकर 18% कर दिया है।

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-टैक्स स्लैब हो सकते हैं कम:

वर्तमान में जीएसटी के तहत टैक्स स्लैब की पांच दरें हैं- 0, 5, 12, 18 और 28%।

इसके अलावा सोने पर 3% टैक्स है। 12% और 18% टैक्स स्लैब को मिलाकर 14 या 16% किया जा सकता है।

दायरा और बढ़ेगा:

अभी बिजली, शराब, नेचुरल गैस, एविएशन फ्यूल, पेट्रोलियम गुड्स और रियल एस्टेट जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।

नेचुरल गैस और एविएशन फ्यूल को जल्द जीएसटी में लाया जा सकता है।

डीजल और पेट्रोल को भी इसमें लाने पर विचार हो रहा है।

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रिटर्न भरना बनेगा आसान:

बता दें कि अभी 24 रिटर्न हर साल भरने पड़ रहे हैं।

दो करोड़ से अधिक कारोबार पर एक रिटर्न और भरना पड़ रहा है।

सिर्फ कंपोजिशन डीलर को तीन माह में एक फाॅर्म भरना पड़ रहा है।

फाॅर्म की जटिलताओं को कम किया जा सकता है।

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सरकार ने किया लक्ष्य तय:

जीएसटी की बात करें तो सरकार ने चालू वित्त वर्ष में हर महीने 1 लाख करोड़ जीएसटी वसूली के साथ साल के अंत तक कम से कम 12 लाख करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा है।

वित्त वर्ष 2017-18 में जुलाई से लेकर मार्च तक जीएसटी के रूप में 7.19 लाख करोड़ रुपए वसूले गए। जबकि जीएसटी का असर आयकर कलेक्शन पर भी नजर आया।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक गत वित्त वर्ष 2017-18 में आयकर से 10.02 लाख करोड़ रुपए मिले थे। वर्ष 2016-17 के मुकाबले यह राशि 18 फीसदी अधिक है।

2016-17 में आयकर से 8.5 लाख करोड़ रुपए मिले थे। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में लगाए गए क्लॉज के कारण चालू वित्त वर्ष में इनकम टैक्स कलेक्शन में 20 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।

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