शिक्षा को GST के घेरे से बाहर रखने का प्रयास था ताकि किसी बच्चे की पढाई प्रभावित न हो। इन बातों का ध्यान रखते हुए ही GST को लागू किया जाना था। बावजूद इसके ऐसा हो नहीं पाया। आपको बता दें कि बीती 12 जून को सरकार ने छात्रों को राहत देते हुए स्कूल बैग पर GST की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी थी। वहीं बच्चों की कलरिंग बुक्स पर भी कोई कर न लेने का फैसला किया गया था, जो की इससे पहले 12 फीसदी था. लेकिन अब भी GST में तमाम ऐसे प्रावधान हैं, जिससे शिक्षा महंगी हो सकती है।

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कोचिंग फीस का बढ़ेगा बोझ

  • स्कूल, कॉलेज के साथ ही कोचिंग का चलन हमारे देश में तेजी से बढ़ा है।
  • इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के लिए देशभर में छात्र कोचिंग का सहारा लेते हैं।
  • ऐसे में अब कोचिंग पर 15 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी GST लगने से परेशानी होगी।
  • ट्रेडिशनल कोर्स, जैसे बीए, बीकॉम, बीएससी को नए टैक्स ढांचे के बाहर रखा गया है।
  • लेकिन दूसरे नॉन-कन्वेंशनल कोर्स, सर्टिफिकेट कोर्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम पर टैक्स की रेट 14% से बढ़कर 18% हो जाएगी।
  • जैसे की कंप्यूटर सर्टिफिकेट कोर्स के लिए आप यदि 1 लाख दे रहे हैं, तो अब 18 हजार रुपये टैक्स देना होगा।
  • दूसरे देशों में शिक्षा हासिल करने और टेस्ट फीस पर भी GST लागू होगा.

कॉलेजों में दी जा रही सर्विस भी होगी महंगी

  • ज्यादातर कॉलेज में ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग, हाउसकीपिंग जैसी सर्विस थर्ड पार्टी से ली जाती हैं.
  • ऐसे में इन पर 15 फीसदी की बजाए अब 18 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
  • हालांकि, नर्सरी से लेकर 12वीं तक ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग जैसी सर्विस GST के दायरे में नहीं हैं।
  • लेकिन उच्च शिक्षण संस्थाओं, जैसे कॉलेज, यूनिवर्सिटीज में 18 फीसदी की ही दर से सर्विस टैक्स लगेगा.
  • कॉलेज कैंपस में रहने वाले छात्र को मेस, लाउंड्री और स्टेशनरी जैसी सर्विस की के लिए भी अब जयादा रकम देनी होगी।
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